मुरूमसिल्ली जलाशय: धमतरी का ऐतिहासिक खजाना
मुरूमसिल्ली जलाशय, महानदी संकुल का सबसे पुराना और महत्वपूर्ण जलाशय है। यह धमतरी जिले के मुख्यालय से 28 किमी दक्षिण में, सिलियारी नदी पर स्थित है। इस जलाशय का निर्माण मुरूमसिल्ली गांव के पास किया गया है।
स्वचालित सायफन स्पिल-वे: एशिया की अनोखी तकनीक
मुरूमसिल्ली बांध में स्वचालित सायफन स्पिल-वे का निर्माण किया गया है, जो इसे अन्य जलाशयों से अलग और विशेष बनाता है।
- अतिरिक्त जल निकास की अद्वितीय प्रणाली:
यह तकनीक जल स्तर के बढ़ने पर सायफन को अपने आप चालू कर देती है। - एशिया का पहला स्वचालित स्पिल-वे:
इस सायफन प्रणाली का डिज़ाइन और निर्माण अपने समय की उत्कृष्ट इंजीनियरिंग का उदाहरण है। - सिविल इंजीनियरिंग की किताबों में उल्लेखित:
इस तकनीक को “इरीगेशन इंजीनियरिंग सायफन वियर्स एंड लॉक्स” नामक पुस्तक में अध्ययन हेतु शामिल किया गया है।
कैसे काम करता है स्वचालित सायफन?
- जल स्तर के बढ़ने पर सबसे पहले बेबी सायफन सक्रिय हो जाते हैं।
- जब जल स्तर और बढ़ता है, तो यह प्राइमिंग प्रक्रिया शुरू कर देता है और मुख्य सायफन चालू हो जाते हैं।
- यह प्रक्रिया पूरी तरह स्वचालित है, जिससे मानव हस्तक्षेप की जरूरत नहीं पड़ती।
रविशंकर जलाशय के साथ समन्वय
1978-79 में महानदी परियोजना के तहत रविशंकर जलाशय के निर्माण के बाद, मुरूमसिल्ली जलाशय को पूरक जलाशय के रूप में उपयोग किया जाने लगा। इससे क्षेत्र की सिंचाई और जल आपूर्ति में सुधार हुआ।
पर्यटन का बढ़ता केंद्र
मुरूमसिल्ली बांध न केवल एक इंजीनियरिंग चमत्कार है, बल्कि यह पर्यटन स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध हो रहा है।
- पर्यटक यहां बांध की अनोखी सायफन प्रणाली को देखने आते हैं।
- यह जगह प्रकृति प्रेमियों और इतिहास के जानकारों के लिए आदर्श स्थल है।