नई दिल्ली: भारत में टू-व्हीलर बाइक आजकल एक आवश्यकता बन चुकी है, न कि सिर्फ एक विलासिता की वस्तु। इस लिहाज से, आगामी बजट में दोपहिया वाहनों पर जीएसटी में कटौती का फैसला जरूरी है। यह बात होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) के वरिष्ठ अधिकारी योगेश माथुर ने कही।
टू-व्हीलर की जरूरत और जीएसटी कटौती की मांग
योगेश माथुर, जो एचएमएसआई में निदेशक (बिक्री और विपणन) हैं, ने कहा कि टू-व्हीलर बाइक आज के भारतीय समाज में आम आदमी के आवागमन के लिए आवश्यक हो चुकी है। उन्होंने कहा, “हम यह मानते हैं कि टू-व्हीलर वाहनों पर वर्तमान में 28% जीएसटी और अतिरिक्त उपकर (31%) लगाना सही नहीं है। यह वाहनों के लिए अत्यधिक कर है, जो आम आदमी के लिए एक जरूरी साधन है, विलासिता नहीं।”
मध्यम आय वर्ग के लिए आयकर में बदलाव जरूरी
माथुर ने यह भी बताया कि मध्यम आय वर्ग के लोगों को खर्च करने में सक्षम बनाने के लिए आयकर नीति को युक्तिसंगत किया जाना चाहिए। इस तरह से, अगले वित्त वर्ष में उद्योग को सिंगल डिजिट वृद्धि दर्ज करने में मदद मिल सकती है।
ग्रामीण बाजार में मंदी का असर
वर्तमान वित्तीय वर्ष में मोटरसाइकिल की बिक्री स्कूटर की तुलना में कम रही है, और इसका मुख्य कारण मानसून में देरी और ग्रामीण बाजारों में मांग में कमी है। यह समस्याएं कुछ ऐसे कारक हैं, जो उद्योग के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहे हैं।
इंश्योरेंस क्षेत्र को रियायतों की उम्मीद
बीमा कंपनियों को उम्मीद है कि आगामी आम बजट से बीमा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कुछ कर रियायतें मिल सकती हैं। एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ नवीन चंद्र झा ने कहा, “बीमा को हर नागरिक तक पहुंचाने के लिए हमें नए सुधारों की जरूरत है।” वहीं, पॉलिसी बाजार के सीईओ सरबवीर सिंह ने भी धारा 80सी और 80डी के तहत कर नियमों में बदलाव की बात की।