बजट 2025: हेल्थकेयर और फार्मा सेक्टर को क्या मिलेंगी राहतें?

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बजट 2025: हेल्थकेयर और फार्मा सेक्टर को क्या मिलेंगी राहतें?

1 फरवरी 2025 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना आठवां बजट पेश करेंगी। इस बजट से हेल्थकेयर और फार्मा सेक्टर को कई उम्मीदें हैं। देश के आम नागरिक सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं और किफायती इंश्योरेंस की उम्मीद लगाए बैठे हैं। वहीं, इंडस्ट्री को टैक्स में कटौती और R&D में निवेश को बढ़ावा मिलने की आशा है।

हेल्थकेयर सेक्टर को क्या मिल सकता है?

  1. सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं की उम्मीद:
    सरकार पब्लिक हेल्थ फैसिलिटीज के लिए बजट में बढ़ोतरी कर सकती है। इससे सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने और हर व्यक्ति को किफायती इलाज उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।
  2. हेल्थ इंश्योरेंस तक आसान पहुंच:
    भारत में अभी भी बड़ी संख्या में लोग हेल्थ इंश्योरेंस से वंचित हैं। बजट में हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स में राहत मिल सकती है, जिससे हर नागरिक के लिए इंश्योरेंस किफायती हो सके।
  3. GST में कटौती:
    हेल्थकेयर सर्विसेज और जीवन रक्षक दवाओं पर GST घटाने की संभावना है। इससे इलाज के खर्च में कमी आ सकती है।

फार्मा सेक्टर की उम्मीदें

  1. R&D में निवेश को बढ़ावा:
    भारतीय फार्मा सेक्टर को 2030 तक $130 अरब और 2047 तक $450 अरब तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इसके लिए रिसर्च और डेवलपमेंट में सरकारी प्रोत्साहन की जरूरत है।
  2. आयात शुल्क में कमी:
    जीवन रक्षक दवाओं और मेडिकल उपकरणों पर आयात शुल्क और GST में कटौती की मांग है, जिससे फार्मा उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा।
  3. घरेलू API निर्माण को बढ़ावा:
    आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत घरेलू API (Active Pharmaceutical Ingredient) निर्माताओं को प्रोत्साहित करने और प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम का विस्तार करने की संभावना है।

बजट से उम्मीदें:

  • टैक्स में कटौती से स्वास्थ्य सेवाएं और इंश्योरेंस किफायती बन सकती हैं।
  • हेल्थकेयर और फार्मा सेक्टर में सरकारी निवेश से आम आदमी और उद्योग, दोनों को लाभ मिलेगा।

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