छत्तीसगढ़ बीजेपी की कमान फिर किरण सिंहदेव के हाथ, जानिए दोबारा नियुक्ति के पीछे की वजह
रायपुर: छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने प्रदेश अध्यक्ष के रूप में फिर से किरण सिंहदेव को नियुक्त किया है। राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े ने गुरुवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में यह ऐलान किया। चुनाव प्रक्रिया के दौरान किरण सिंहदेव का नाम सर्वसम्मति से अध्यक्ष पद के लिए चुना गया।
चुनाव प्रक्रिया का विवरण
चुनाव अधिकारी खूबचंद पारख ने जानकारी दी कि अध्यक्ष बनने के लिए किसी व्यक्ति को कम से कम तीन बार का सक्रिय सदस्य होना आवश्यक है। इस बार तीन सेट में नामांकन आए थे और तीनों में केवल किरण सिंहदेव का नाम शामिल था। 30 प्रस्तावकों ने उनका समर्थन किया।
किरण सिंहदेव के दोबारा अध्यक्ष बनने के 5 मुख्य कारण
1. संगठनात्मक कामों में सफलता
किरण सिंहदेव ने अपने पिछले कार्यकाल में पार्टी संगठन को मजबूती देने में अहम भूमिका निभाई। भाजपा सरकार बनने के बाद से उन्होंने संगठन के सभी कामों को प्रभावी ढंग से पूरा किया।
2. लोकसभा चुनाव में सफलता
किरण सिंहदेव के नेतृत्व में भाजपा ने लोकसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया। बस्तर जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्र में भाजपा ने सफलता पाई, जहां से खुद सिंहदेव विधायक हैं।
3. निकाय चुनावों की तैयारी
आने वाले निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली के शीर्ष नेतृत्व ने संगठन के ढांचे में कोई बदलाव न करने का निर्णय लिया। सिंहदेव के अनुभव को चुनावी रणनीति में उपयोगी माना गया।
4. आदिवासी नेतृत्व को बल
बस्तर से आने वाले किरण सिंहदेव का अध्यक्ष बने रहना भाजपा के लिए एक सकारात्मक संदेश है। यह कांग्रेस के बस्तर क्षेत्रीय अध्यक्ष दीपक बैज के मुकाबले पार्टी के आदिवासी समर्थन को मजबूत करता है।
5. कोई आंतरिक विरोध नहीं
किरण सिंहदेव को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच कोई नाराजगी या असंतोष नहीं है। इसलिए उन्हें अध्यक्ष पद पर दोबारा नियुक्त करना आसान फैसला रहा।
भाजपा का आदिवासी कार्ड
किरण सिंहदेव की नियुक्ति से भाजपा यह संदेश देना चाहती है कि पार्टी आदिवासी समुदाय के नेताओं को प्रमुखता दे रही है। यह कांग्रेस के समानांतर एक मजबूत रणनीतिक कदम है।