प्रयागराज: महाकुंभ मेले में भगदड़ की घटना के बाद सरकार ने भीड़ प्रबंधन को लेकर सख्त कदम उठाए हैं। बुधवार को हुई इस भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई, जबकि 60 लोग घायल हो गए। इस त्रासदी के बाद भी श्रद्धालुओं का रेला मेला क्षेत्र में उमड़ रहा है। ऐसे में प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए 5 अहम निर्णय लिए हैं, जिनमें बाहरी वाहनों का प्रवेश रोकना और वीवीआईपी पास रद्द करना शामिल है।
भीड़ नियंत्रण के लिए सरकार के 5 प्रमुख कदम
🔹 नो-व्हीकल ज़ोन लागू
महाकुंभ मेले में आने-जाने वाले वाहनों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मेला क्षेत्र को पूरी तरह से नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है।
🔹 VVIP पास पूरी तरह रद्द
अब किसी को भी VVIP पास जारी नहीं किया जाएगा। इससे सभी श्रद्धालुओं को समान प्राथमिकता मिलेगी और भीड़ प्रबंधन में सहूलियत होगी।
🔹 वन-वे ट्रैफिक सिस्टम लागू
श्रद्धालुओं की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए मेले में वन-वे ट्रैफिक रूट लागू किया गया है। इससे अव्यवस्था और भीड़भाड़ से बचा जा सकेगा।
🔹 बाहरी वाहनों की एंट्री पर रोक
सरकार ने प्रयागराज के पड़ोसी जिलों से आने वाले निजी वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी है, जिससे यातायात पर नियंत्रण रखा जा सके।
🔹 4 फरवरी तक सख्त प्रतिबंध और ड्रोन निगरानी
भीड़ नियंत्रण को प्रभावी बनाने के लिए 4 फरवरी तक चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही, ड्रोन और हेलीकॉप्टर से मेला क्षेत्र की निगरानी की जा रही है, ताकि किसी भी आपात स्थिति पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके।
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वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई नई जिम्मेदारियां
सरकार ने मेला क्षेत्र में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए अनुभवी अधिकारियों आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को जिम्मेदारी सौंपी है। इसके अलावा, 5 विशेष सचिव स्तर के अधिकारी भी मेले की निगरानी के लिए तैनात किए गए हैं, जो 12 फरवरी तक प्रयागराज में ड्यूटी पर रहेंगे।
महाकुंभ 2025: श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा सर्वोपरि
प्रदेश सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। कड़ी निगरानी, ट्रैफिक नियंत्रण, और बेहतर प्रशासनिक प्रबंधन के ज़रिए किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं।