रायपुर – छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकारी राशि के गबन के मामले में 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें तीन ठेकेदार, दो पूर्व रोजगार सहायक और एक पूर्व आवास मित्र शामिल हैं। कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है, जिसके चलते पूर्व रोजगार सहायक प्रकाश चौहान और किरण महंत को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
जिला प्रशासन को यह जानकारी मिली थी कि जनपद पंचायत कोरबा के तहत ग्राम पंचायत श्यांग, सिमकेदा और सोल्वा में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 72 हितग्राहियों के आवास आधे अधूरे पड़े हैं। इन आवासों का निर्माण ही नहीं हुआ और 86 लाख रुपये की राशि निकाल ली गई।
शिकायत के बाद जिला स्तरीय जांच समिति द्वारा जांच की गई, जिसके परिणामस्वरूप यह पाया गया कि तीनों ग्रामों में स्वीकृत 72 आवासों के लिए ठेकेदार राजाराम, मेघनाथ विश्वकर्मा, लखनलाल बैगा, और तत्कालीन रोजगार सहायक प्रकाश चौहान, किरण महंत, और आवास मित्र चंद्रशेखर मंझवार द्वारा राशि का गबन किया गया।
जांच रिपोर्ट के अनुसार, इन लोगों ने बिना आवास निर्माण पूरा किए राशि का भुगतान कर लिया। इसके अलावा, तत्कालीन विकासखंड समन्वयक लम्बोदर कौशिक, कलेश्वर चौहान और तकनीकी सहायक नरेंद्र साहू ने बिना भौतिक सत्यापन के आवास पूर्ण होने का दावा कर भुगतान जारी किया। जिला प्रशासन ने इसे कर्तव्य में लापरवाही और वित्तीय अनियमितता मानते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
सीईओ जिला पंचायत ने बताया कि इस मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई की जा रही है। जनपद पंचायत सीईओ देवानंद श्रीवास के पत्र के अनुसार, सभी 6 आरोपियों पर पुलिस थाना श्यांग, कोरबा में एफआईआर दर्ज कराई गई है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 409, 120-बी, 34 के तहत मामला दर्ज किया है।