छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक यज्ञ : 11 हजार किलो लाल मिर्च की आहुति, फिर भी नहीं उठी खराश!

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छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक यज्ञ : 11 हजार किलो लाल मिर्च की आहुति, फिर भी नहीं उठी खराश!

धमतरी के जीजाम गांव में ऐतिहासिक यज्ञ

छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के जीजाम गांव में एक अनोखा धार्मिक आयोजन किया गया। माता बगुलामुखी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए यहां एक महायज्ञ किया गया, जिसमें 11 टन लाल मिर्च की आहुति दी गई। इस भव्य हवन को एक वर्ल्ड रिकॉर्ड माना जा रहा है।

लाल मिर्च की आहुति, लेकिन बिना किसी परेशानी के!

अचरज की बात यह रही कि इतनी भारी मात्रा में लाल मिर्ची जलाने के बावजूद किसी भी भक्त को खराश, जलन या परेशानी महसूस नहीं हुई। आमतौर पर मिर्ची जलने से धुआं फैलने पर आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ होती है, लेकिन इस हवन में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। भक्त इसे माता बगुलामुखी का चमत्कार मान रहे हैं।

बगुलामुखी माता: शक्ति और तंत्र विद्या की देवी

माता बगुलामुखी को उग्र स्वरूप वाली देवी माना जाता है। भक्तों का मानना है कि इनकी पूजा विशेष रूप से शत्रु नाश और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा के लिए की जाती है। इस हवन के आयोजकों ने बताया कि माता बगुलामुखी की साधना बिना किसी विद्वान गुरु के मार्गदर्शन के नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह बहुत शक्तिशाली होती है।

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दुबई और लंदन में भी होगा हवन

हवन के आयोजकों ने बताया कि फरवरी माह में दुबई में भी ऐसा ही यज्ञ किया जाएगा। इसके अलावा, लंदन में इस अनोखी पूजा को लेकर सम्मान समारोह भी आयोजित किया जाएगा। इससे पहले भी भारत में कई स्थानों पर माता बगुलामुखी के विशेष यज्ञ आयोजित किए जा चुके हैं।

श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब

जीजाम गांव के इस भव्य आयोजन में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए और माता बगुलामुखी की कृपा प्राप्त करने के लिए पूजा-अर्चना की। भक्तों का मानना है कि इस प्रकार का अनुष्ठान नकारात्मक शक्तियों को समाप्त कर शुभ ऊर्जा को बढ़ाता है।

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