शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, नये सत्र से होगा लागू
रायपुर: स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के लिए एक नया और अनिवार्य नियम लागू करने का निर्णय लिया है। अब शिक्षकों को हर साल 50 घंटे की ट्रेनिंग लेना अनिवार्य होगा। यदि शिक्षक इस नियम का पालन नहीं करते हैं, तो उनके प्रमोशन और वेतन वृद्धि (इंक्रीमेंट) पर रोक लगाई जाएगी। शिक्षकों के लिए नया नियम: 50 घंटे की ट्रेनिंग अनिवार्य, नहीं तो रुकेगा प्रमोशन और इंक्रीमेंट…
ट्रेनिंग से जुड़ी अहम बातें
- ट्रेनिंग के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा।
- यह ट्रेनिंग ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में उपलब्ध होगी।
- ट्रेनिंग के दौरान शिक्षकों को प्रोजेक्ट कार्य भी करना होगा, और इसके आधार पर उन्हें अंक दिए जाएंगे।
- ट्रेनिंग का उद्देश्य शिक्षकों में नवाचार और कौशल विकास करना है। शिक्षकों के लिए नया नियम: 50 घंटे की ट्रेनिंग अनिवार्य, नहीं तो रुकेगा प्रमोशन और इंक्रीमेंट…
सरकारी और निजी स्कूलों के लिए अनिवार्य
यह नियम केवल सरकारी स्कूलों पर ही नहीं, बल्कि निजी स्कूलों के शिक्षकों पर भी लागू होगा। सभी शिक्षकों को हर साल निर्धारित समय में ट्रेनिंग पूरी करनी होगी। शिक्षकों के लिए नया नियम: 50 घंटे की ट्रेनिंग अनिवार्य, नहीं तो रुकेगा प्रमोशन और इंक्रीमेंट…
नई योजना का उद्देश्य
शिक्षा विभाग का कहना है कि यह कदम शिक्षकों की दक्षता बढ़ाने और छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए उठाया गया है। इसके तहत:
- शिक्षकों को आधुनिक तकनीक और नए शिक्षण तरीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- शिक्षकों को विषयों और भाषाओं के अनुसार ट्रेनिंग दी जाएगी।
- नई नियुक्तियों के साथ-साथ पहले से पदस्थ शिक्षकों को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। शिक्षकों के लिए नया नियम: 50 घंटे की ट्रेनिंग अनिवार्य, नहीं तो रुकेगा प्रमोशन और इंक्रीमेंट…
ट्रेनिंग का स्वरूप
ट्रेनिंग के प्रारूप को तय करने के लिए शिक्षाविदों और विशेषज्ञों को शामिल कर एक विशेष कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी तय करेगी कि:
- कौन-कौन से विषय ट्रेनिंग में शामिल होंगे?
- ट्रेनिंग किन भाषाओं में होगी?
- ट्रेनिंग की प्रक्रिया क्या होगी? शिक्षकों के लिए नया नियम: 50 घंटे की ट्रेनिंग अनिवार्य, नहीं तो रुकेगा प्रमोशन और इंक्रीमेंट…