POD: महिलाओं के लिए जरूरी जानकारी और इलाज
POD (Polycystic Ovarian Disease), जिसे PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जो महिलाओं के हार्मोनल संतुलन को प्रभावित करती है। इस समस्या में अंडाशय (Ovary) में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं, जिससे मासिक धर्म में अनियमितता, वजन बढ़ना, त्वचा संबंधी समस्याएं और गर्भधारण में कठिनाई हो सकती है।
POD के प्रमुख लक्षण
POD से पीड़ित महिलाओं में निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं:
✅ मासिक धर्म की अनियमितता – पीरियड्स का देर से आना, जल्दी आना या कभी-कभी पूरी तरह से बंद हो जाना।
✅ अनचाहे बालों की वृद्धि (Hirsutism) – चेहरे, छाती और पीठ पर अतिरिक्त बाल आना।
✅ वजन बढ़ना और मोटापा – खासकर पेट के आसपास चर्बी जमा होना।
✅ मुंहासे और तैलीय त्वचा – हार्मोनल असंतुलन के कारण स्किन प्रॉब्लम्स।
✅ अंडाशय में सिस्ट बनना – जिससे ओव्यूलेशन में दिक्कत और गर्भधारण में परेशानी हो सकती है।
POD होने के मुख्य कारण
🔹 हार्मोनल असंतुलन – शरीर में टेस्टोस्टेरोन का अधिक स्तर।
🔹 अनुवांशिकता – यदि परिवार में किसी को PCOS रहा हो, तो इसकी संभावना अधिक होती है।
🔹 इंसुलिन प्रतिरोध – शरीर में इंसुलिन का सही तरीके से इस्तेमाल न होना, जिससे वजन बढ़ता है।
🔹 खराब जीवनशैली – असंतुलित खानपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी।
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POD का प्रभावी इलाज और बचाव के उपाय
✔️ स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं – नियमित व्यायाम और संतुलित आहार लें।
✔️ शुगर और जंक फूड से बचें – ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें।
✔️ डॉक्टर की सलाह लें – हार्मोनल थेरेपी या मेटफॉर्मिन जैसी दवाओं का सेवन करें।
✔️ तनाव कम करें – योग और मेडिटेशन करें।
✔️ वजन नियंत्रण में रखें – अधिक वजन से हार्मोनल असंतुलन बढ़ सकता है।