सोने के आभूषणों के निर्यात में इतने % की वृद्धि, हीरे के एक्सपोर्ट में गिरावट, जानें वजह…

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सोने के आभूषणों के निर्यात में इतने % की वृद्धि, हीरे के एक्सपोर्ट में गिरावट, जानें वजह...

रत्न एवं आभूषण उद्योग में बड़े बदलाव, अमेरिका और चीन की मांग बनी चर्चा का विषय।

रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (GJEPC) के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में सोने के आभूषणों के निर्यात में 12% की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि हीरे के निर्यात में 10% की गिरावट आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक आर्थिक स्थिति और चीन की सुस्त मांग इसका प्रमुख कारण हैं।

हीरे के निर्यात में गिरावट: आंकड़े और वजह

  • तराशे और पॉलिश किए गए हीरे का निर्यात:
    • अप्रैल-नवंबर 2024 में 18.8% की गिरावट के साथ $898.02 करोड़ रह गया।
  • अमेरिका:
    • हीरे के कुल निर्यात में लगभग 50% हिस्सेदारी
    • थैंक्सगिविंग फेस्टिवल के दौरान मांग में 5% की बढ़त से थोड़ी राहत।

विशेषज्ञों की राय:

GJEPC के चेयरमैन विपुल शाह का कहना है कि अब सबसे बुरा समय बीत चुका है।

  • नई उम्मीदें:
    • अमेरिका में नई सरकार के नेतृत्व में वित्त वर्ष 2025-26 में 10-15% की वृद्धि की संभावना।

सोने के आभूषणों के निर्यात में बढ़ोतरी: प्रमुख कारण

  • सोने की बढ़ती कीमतें:
    • निर्यातकों को बड़ा लाभ।
  • वैश्विक मांग:
    • भारत के पारंपरिक डिज़ाइनों की मांग में वृद्धि।

प्लेटिनम और हीरे पर ध्यान केंद्रित

  • प्लेटिनम:
    • उद्योग ने प्लेटिनम शुल्क वापसी की मांग की है।
    • इसे एक उभरती हुई कीमती धातु के रूप में देखा जा रहा है।
  • प्रयोगशाला निर्मित हीरे:
    • GJEPC ने उपभोक्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 150 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
    • लैब-ग्रो डायमंड्स को बढ़ावा दिया जा रहा है।

सिंगूर: फैशन और ज्वैलरी के लिए नई उम्मीद

  • सिंगूर को वैश्विक निर्यात केंद्र बनाने की योजना:
    • कुशल बंगाली कारीगरों का योगदान।
    • 20% महिलाएं कार्यबल में शामिल।
    • सिंगूर का रणनीतिक स्थान (पांच रेलवे स्टेशन, NH-2, कोलकाता हवाई अड्डे के निकट)।

स्थानीय उद्योग को बढ़ावा:

यह कदम न केवल स्थानीय कारीगरों को रोजगार देगा, बल्कि सिंगूर को वैश्विक नक्शे पर लाएगा।

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