रायपुर, छत्तीसगढ़। बहुचर्चित छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) को बड़ी सफलता मिली है। राज्य शासन ने 21 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दे दी है, जिससे अब EOW कानूनी कार्रवाई में तेजी ला सकेगी।
एफआईआर में 36 आरोपी, IAS और राजनेता भी शामिल
EOW द्वारा पूर्व में दर्ज की गई एफआईआर में एडिशनल डायरेक्टर, ज्वाइंट डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर, जिला आबकारी अधिकारी और ADO-इंस्पेक्टर रैंक के 36 नामजद आरोपी शामिल हैं। इनमें कई वरिष्ठ अधिकारी, राजनेता, पूर्व IAS अफसर और व्यापारी पहले से ही जेल में बंद हैं।
अब तेज होगी गिरफ्तारी और छापेमारी
शासन की अभियोजन स्वीकृति के बाद अब गिरफ्तारी और छापेमारी की कार्रवाई में तेजी आएगी। EOW ने पहले ही कई आरोपियों से घंटों पूछताछ की है और अब उनके खिलाफ कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख
यह कदम राज्य सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है। सरकार का साफ कहना है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न हो।
क्या है मामला?
छत्तीसगढ़ में आबकारी विभाग में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार की बात सामने आई थी। इस घोटाले में फर्जी दस्तावेज, अवैध कमीशन और नियमों की अनदेखी जैसे कई गंभीर आरोप लगे हैं। जांच में यह भी सामने आया कि सिस्टमेटिक तरीके से विभागीय मिलीभगत के जरिए राजस्व का दुरुपयोग किया गया।
ये अधिकारी आए जांच के घेरे में:
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तत्कालीन एडिशनल डायरेक्टर
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ज्वाइंट डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर
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जिला आबकारी अधिकारी, ADO, इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी
क्या है अगला कदम?
अब EOW द्वारा दोषी अधिकारियों की गिरफ्तारी, संपत्ति की जब्ती और चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। शासन का यह फैसला शराब घोटाले की परतें खोलने में निर्णायक भूमिका निभाएगा।