हसदेव-बांगो जलाशय क्षेत्र में 37 करोड़ की लागत से होगी परियोजना की शुरुआत
कोरबा (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में राज्य का पहला एक्वा पार्क बनने जा रहा है। यह परियोजना प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत ₹37.10 करोड़ की लागत से विकसित की जा रही है। पार्क को हसदेव-बांगो जलाशय के एतमानगर और सतरेंगा क्षेत्र में बसाया जाएगा। इसका उद्देश्य मछली पालन, प्रसंस्करण, पर्यटन, और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देना है।
एतमानगर में फिश प्रोसेसिंग से लेकर हेचरी तक पूरी चेन होगी स्थापित
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फीड मिल
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फिश प्रोसेसिंग प्लांट
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हेचरी यूनिट
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रिसर्कुलेटरी एक्वा कल्चर सिस्टम
यह सभी सुविधाएं एक जगह विकसित की जाएंगी ताकि मछली पालन से लेकर प्रोसेसिंग और निर्यात तक की पूरी व्यवस्था सुदृढ़ हो सके।
सतरेंगा बनेगा मछली प्रेमियों और टूरिस्ट्स के लिए नया आकर्षण केंद्र
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एक्वा म्यूजियम
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एंगलिंग डेस्क
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फ्लोटिंग हाउस
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मोटर बोट
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कैफेटेरिया
यह सभी सुविधाएं पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विकसित की जा रही हैं, जिससे यह क्षेत्र मनोरंजन और रोजगार का केंद्र बन सके।
मछुआरों को मिला लाभ: 88 हज़ार सालाना आमदनी, सैकड़ों को रोजगार
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800 केज लगाए गए हैं हसदेव जलाशय क्षेत्र में
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9 मछुआ सहकारी समितियों के 160 सदस्य लाभान्वित
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हर सदस्य को 5-5 केज का आवंटन
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88,000 रुपये वार्षिक औसत आय
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70-80 लोगों को प्रत्यक्ष, और 15-20 को अप्रत्यक्ष रोजगार
तिलापिया और पंगास मछलियां बनीं पसंदीदा विकल्प
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तिलापिया: कम लागत, अंतरराष्ट्रीय डिमांड, 6-8 माह में तैयार
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पंगास (बासा): कम कांटा, स्वादिष्ट, बाजार में हाई डिमांड
आर्थिक विकास, स्वरोजगार और पर्यटन का मिलेगा ट्रिपल बूस्ट
कोरबा का यह एक्वा पार्क राज्य में मत्स्य पालन को तकनीकी और व्यवसायिक दिशा देगा। साथ ही यह पहल ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार, स्थानीय पर्यटन को बूस्ट और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को रफ्तार देगी।