रायपुर — प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के क्रियान्वयन में लापरवाही के मामलों को गंभीरता से लेते हुए गरियाबंद जिले के तीन जनपद पंचायतों — देवभोग, छुरा और फिंगेश्वर — के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों (CEO) को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह कार्यवाही कलेक्टर बी.एस. उइके द्वारा की गई है।
योजना की मॉनिटरिंग में लापरवाही, अब जवाबदेही तय
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र हितग्राहियों को समय पर लाभ पहुंचाने में इन जनपदों के अधिकारियों द्वारा उदासीनता और लापरवाही बरती गई थी। कलेक्टर द्वारा पहले ही स्पष्ट कर दिया गया था कि इस योजना के संचालन में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
देवभोग: मॉनिटरिंग में चूक और बोगस जीओ टैगिंग
देवभोग जनपद के सीईओ रवि सोनवानी को योजना की मॉनिटरिंग नहीं करने और फर्जी (बोगस) जियो टैगिंग के मामलों को नजरअंदाज करने पर नोटिस जारी किया गया है।
छुरा: सर्वेक्षण और अवैध वसूली की अनदेखी
छुरा जनपद के सीईओ सतीश चंद्रवंशी को पीएम आवास 2.0 के सर्वेक्षण के दौरान लापरवाही और ग्राम पंचायत सोरिदखुर्द में अवैध वसूली की शिकायत को गंभीरता से न लेने के लिए नोटिस भेजा गया है।
फिंगेश्वर: अपात्र हितग्राहियों को स्वीकृति और अधूरी रिपोर्ट
फिंगेश्वर के सीईओ स्वप्निल ध्रुव को ग्राम पंचायत बरभाठा में जॉब कार्ड में गड़बड़ी और अपात्र हितग्राहियों को आवास स्वीकृत करने की शिकायत पर सटीक और स्पष्ट जांच रिपोर्ट न देने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
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कलेक्टर की सख्त चेतावनी: जवाब दो या कार्रवाई तय
कलेक्टर ने इन सभी मामलों को गंभीर प्रशासनिक चूक मानते हुए तीनों जनपदों के सीईओ से सप्ताह भर में जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। उन्होंने दोहराया कि जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।