भिलाई डॉक्टर सुसाइड केस: ब्लैकमेलिंग के आरोप में 9 आरोपी गिरफ्तार, पढ़े क्या है पूरा मामला….

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भिलाई डॉक्टर सुसाइड केस: ब्लैकमेलिंग के आरोप में 9 आरोपी गिरफ्तार, पढ़े क्या है पूरा मामला....

डॉक्टर बी. राठौर की आत्महत्या मामले में चौंकाने वाला खुलासा

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई में संविदा आयुर्वेदिक डॉक्टर बी. राठौर की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर बड़ा खुलासा किया है।

  • डॉक्टर राठौर की 18 मई 2025 को आत्महत्या से पहले की गई ब्लैकमेलिंग सामने आई है

  • आरोपियों ने एक युवती के साथ उनकी आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्डिंग कर ली थी

  • इस वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर पैसे की मांग की जा रही थी

वीडियो बनाकर दी धमकी, गांव में बैठक बुलाकर मांगी 5 लाख की रंगदारी

मामला छावनी थाना क्षेत्र से जुड़ा है।

  • आरोपियों ने 14 मई को डॉक्टर के मकान की छत पर चढ़कर वीडियो बनाया

  • इसके बाद गांव में सामाजिक बैठक बुलाकर 5 लाख रुपये की मांग की

  • डॉक्टर को लगातार फोन कॉल कर धमकाया और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया

  • मानसिक दबाव और शर्मिंदगी के चलते डॉक्टर ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया

सुसाइड नोट से खुली साजिश की परतें

डॉ. राठौर ने सुसाइड नोट छोड़ा था जिसमें

  • लगातार हो रहे उत्पीड़न

  • सामाजिक बेइज्जती

  • और वीडियो वायरल करने की धमकी का ज़िक्र था
    इस सुसाइड नोट के आधार पर 26 मई को पुलिस ने चारामा ब्लॉक के पुरी गांव में छानबीन की और आरोपियों की गिरफ्तारी की गई।

पुलिस ने 9 आरोपियों को किया गिरफ्तार, अन्य की तलाश जारी

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में शामिल हैं:

  1. आशीष यादव – राजापारा, पुरी

  2. सचिन कुमार हिड़को – स्कूल पारा, पुरी

  3. रितेश उर्फ सोनू नरेटी – पटेलपारा, रामपुर

  4. डिगेश कुमार सिन्हा – मयाना, चारामा

  5. अनिल कुमार सिन्हा – बाजारपारा, पुरी

  6. सतीश कुमार साहू – नियानी, बालोद

  7. शत्रुघन सिन्हा – राजापारा, पुरी

  8. कान्हा उर्फ कन्हैया मरकाम – जगदलपुर

  9. नवीन निर्मलकर – बोरिद कला, बालोद

👉 अन्य आरोपियों की तलाश जारी है और पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।

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डॉक्टर की मौत ने उठाए सवाल: क्या सिस्टम समय रहते जागता?

यह घटना केवल एक आत्महत्या नहीं, बल्कि

  • समाज में ब्लैकमेलिंग और साइबर अपराध की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाती है

  • साथ ही संविदा कर्मचारियों की मानसिक स्थिति और सामाजिक सुरक्षा पर भी सवाल उठाती है

  • प्रशासन पर दबाव है कि ऐसे मामलों में कठोर और तेज़ कार्रवाई की जाए

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