बैगा आदिवासी छात्रा की पेड़ से लटकती मिली थी लाश, अब परिजन कर रहे न्याय की मांग
बिलासपुर – कोटा थाना क्षेत्र के लठोरी गांव में हुई एक आदिवासी छात्रा की संदिग्ध मौत ने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है। 18 वर्षीय अमीषा बैगा की मौत को पहले आत्महत्या बताया गया था, लेकिन अब उसके पिता फागुन सिंह बैगा ने इसे हत्या करार देते हुए पुनः जांच और पोस्टमार्टम की मांग की है।
कौन थी अमीषा बैगा?
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ग्राम लठोरी निवासी, बैगा जनजाति से ताल्लुक
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हाल ही में 10वीं की परीक्षा 52% अंकों के साथ उत्तीर्ण
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अपने क्षेत्र की पहली छात्रा थी जिसने यह उपलब्धि हासिल की
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आंगनबाड़ी सहायिका पद के लिए आवेदन किया था, नौकरी लगभग तय मानी जा रही थी
कैसे हुई घटना?
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11 मई की रात, मां गुलाबवती बेटे के साथ शादी समारोह में गई थीं
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अमीषा घर पर दादी और छोटे भाई के साथ थी
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रात 11 बजे मां लौटी तो अमीषा घर पर नहीं मिली
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सुबह बगीचे में पेड़ से लटका मिला शव
प्रारंभिक जांच में पुलिस ने इसे आत्महत्या माना और मामला बंद कर दिया, लेकिन पिता को इससे संतोष नहीं हुआ।
पिता बोले – “मेरी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती”
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एसएसपी कार्यालय पहुंचे पिता फागुन सिंह बैगा
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हत्या की आशंका जताते हुए कहा –
“किसी ने अमीषा को बहला-फुसलाकर ले जाकर गला दबाया और बाद में शव को पेड़ से लटका दिया।”
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फॉरेंसिक जांच, मोबाइल डिटेल्स और दोबारा पोस्टमार्टम की मांग की
आदिवासी समुदाय में गूंजा मामला – सामाजिक संगठनों ने जताई संवेदना
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अमीषा बैगा जनजाति से थी, जिसे भारत सरकार ने विशेष संरक्षित जनजाति का दर्जा दिया है
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इस समुदाय से जुड़ी हर घटना को संवेदनशील माना जाता है
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छात्रा की रहस्यमयी मौत ने सामाजिक संगठनों को भी चिंता में डाल दिया है
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मामले की CBI स्तर की जांच की मांग भी उठने लगी है
आगे क्या?
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पुलिस ने पिता की शिकायत के आधार पर दोबारा जांच शुरू कर दी है
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पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक रिपोर्ट से नई दिशा मिल सकती है
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मोबाइल कॉल डिटेल्स से किसी संदिग्ध व्यक्ति की भूमिका सामने आने की उम्मीद