सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत के बाद रायपुर जेल से मिली रिहाई
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला वसूली घोटाले में गिरफ्तार किए गए निलंबित आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया, आईएएस रानू साहू सहित छह आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद रायपुर सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया। यह मामला प्रदेश की नौकरशाही और राजनीति दोनों को हिला देने वाला बताया जा रहा है।
किसे मिली जमानत और क्यों?
अधिवक्ता फैजल रिजवी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कुल 8 आरोपियों को अंतरिम जमानत दी है।
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इनमें से 6 आरोपी अब तक जेल से बाहर आ चुके हैं।
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सूर्यकांत तिवारी और निखिल चंद्राकर को अन्य मामलों में फंसे होने के कारण रिहाई नहीं मिली है।
क्या है कोयला घोटाले का पूरा मामला?
ईडी की जांच के अनुसार, छत्तीसगढ़ में प्रति टन कोयले पर ₹25 की अवैध वसूली की जा रही थी।
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यह काम कथित रूप से निजी व्यापारी, नौकरशाह, बिचौलियों और राजनीतिक नेटवर्क के गठजोड़ द्वारा किया जा रहा था।
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जांच के अनुसार, जुलाई 2020 से जून 2022 के बीच 540 करोड़ रुपये की अवैध उगाही की गई।
कब और कैसे हुई थी गिरफ्तारी?
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समीर विश्नोई को अक्टूबर 2022 में
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सौम्या चौरसिया को दिसंबर 2022 में
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रानू साहू को जुलाई 2023 में गिरफ्तार किया गया था।
इन पर मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध शुल्क वसूली से जुड़े मामलों में केस दर्ज हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने किन शर्तों पर दी जमानत?
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आरोपी छत्तीसगढ़ में नहीं रह सकते (सिवाय कोर्ट/जांच के लिए उपस्थित रहने के)।
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रिहाई के एक हफ्ते के भीतर, उन्हें नए निवास का पता स्थानीय थाने को बताना होगा।
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कोर्ट ने गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश भी राज्य सरकार को दिए हैं।