रायपुर: छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग ने हाल ही में कुछ संगठनों और व्यक्तियों द्वारा उठाए गए इस दावे को गलत और भ्रामक बताया है कि योजना के तहत हजारों स्कूल बंद हो रहे हैं। विभाग ने स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य केवल स्कूलों को बंद करना नहीं है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों के बेहतर उपयोग को सुनिश्चित करना है।
समायोजन का क्या मतलब है?
शिक्षा विभाग ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से प्रस्तावित युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य किसी भी बच्चे की पढ़ाई को प्रभावित करना नहीं है। इस प्रक्रिया के तहत कुल 166 स्कूलों का समायोजन किया जाएगा, जिसमें से 133 स्कूल ग्रामीण इलाकों में हैं, जिनकी छात्र संख्या 10 से कम है और एक किलोमीटर के भीतर दूसरा स्कूल संचालित हो रहा है। इसके अलावा, 33 स्कूल शहरी क्षेत्रों में हैं, जिनकी छात्र संख्या 30 से कम है और 500 मीटर के दायरे में दूसरा स्कूल मौजूद है।
समायोजन के बाद शेष स्कूल पूरी तरह से चालू रहेंगे
शिक्षा विभाग ने बताया कि समायोजन का मतलब यह नहीं है कि स्कूल बंद हो रहे हैं। समायोजन का उद्देश्य केवल संसाधनों का बेहतर उपयोग और शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना है। 10,297 स्कूलों को पूरी तरह से चालू रखा जाएगा और उनमें केवल प्रशासनिक और शैक्षणिक स्तर पर सुधार किए जाएंगे।
अच्छी शिक्षा के लिए बेहतर संसाधन और शिक्षक
सरकार का उद्देश्य है कि कम छात्रों वाले स्कूलों को सशक्त स्कूलों के साथ जोड़कर बच्चों को बेहतर शिक्षण और संसाधन मिले। इससे लाइब्रेरी, लैब और कंप्यूटर सुविधाएं बच्चों के लिए सुलभ होंगी और शिक्षकों की कमी भी दूर की जाएगी।
शिक्षकों की तैनाती जरूरत के हिसाब से
शिक्षकों की तैनाती अब संख्या के बजाय जरूरत के हिसाब से की जाएगी। इससे शिक्षकों का सही उपयोग सुनिश्चित होगा और हर बच्चे को एक बेहतर शिक्षक मिलेगा। इसके अलावा, यह बदलाव छत्तीसगढ़ के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर बढ़ाएगा।
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सच्चाई: शिक्षा के सुधार की दिशा में बड़ा कदम
छत्तीसगढ़ सरकार का मानना है कि यह कदम केवल एक प्रशासनिक सुधार नहीं है, बल्कि शिक्षा क्षेत्र में ठोस बदलाव की दिशा में एक अहम कदम है। इसके माध्यम से अगली पीढ़ी को मजबूत नींव और बेहतर शिक्षा मिलेगी।