महबूबा मुफ्ती की एलजी से अहम मुलाकात, कश्मीरी पंडितों की वापसी पर दिया जोर
जम्मू-कश्मीर में पीडीपी (PDP) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घाटी में अपनी सियासी पकड़ मजबूत करने के लिए एक बड़ा दांव चला है। 5 साल बाद उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा से मुलाकात की, जिसमें उन्होंने कश्मीरी पंडितों की सम्मानजनक वापसी की मांग को प्रमुखता से उठाया।
कश्मीरी पंडितों के बिना अधूरी है राजनीतिक प्रक्रिया: महबूबा मुफ्ती
महबूबा ने कहा कि उन्होंने एलजी को चिट्ठी भी सौंपी है, जिसकी कॉपी गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री को भी भेजी गई है। उन्होंने जोर देकर कहा,
“कश्मीरी पंडितों की वापसी के बिना कोई भी राजनीतिक प्रक्रिया पूरी नहीं मानी जा सकती। सरकार को इसके लिए विशेष योजना बनानी चाहिए।”
74,000 विस्थापित परिवारों की वापसी पर सुझाव
महबूबा मुफ्ती ने बताया कि 74 हजार से ज्यादा विस्थापित कश्मीरी पंडित परिवारों में से कई वापस आना चाहते हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि उन्हें इस प्रक्रिया में सहायता दी जाए।
उन्होंने पीएम पैकेज के तहत नियुक्त कर्मचारियों के ट्रांसफर और कार्यस्थल को लेकर उठ रही समस्याओं पर भी चिंता जताई।
जमीन और विधानसभा सीट आरक्षण की मांग
महबूबा ने कहा कि लौटने वाले पंडितों को उनके गृह जिले में आधा कनाल जमीन दी जाए। साथ ही, जम्मू-कश्मीर विधानसभा में नॉमिनेटेड सीट की जगह आरक्षित सीट दी जाए।
उन्होंने अमरनाथ यात्रा में स्थानीय लोगों को भी शामिल करने और राजनीतिक आरक्षण की वकालत की।
उमर अब्दुल्ला पर निशाना, 370 हटने के बाद बदला रुख
महबूबा मुफ्ती ने पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला पर हमला बोलते हुए कहा,
“जब विधानसभा में अनुच्छेद 370 पर प्रस्ताव लाना चाहिए था, उमर गार्डन में घूम रहे थे। हम सभी से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन अगर कोई हल्के में ले तो हम क्या कर सकते हैं।”
पीडीपी का नया एजेंडा: पंडितों की वापसी
महबूबा ने इस पूरे मुद्दे को पीडीपी का राजनीतिक एजेंडा बताते हुए कहा कि वह खुद भी इस दिशा में लगातार काम करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के साथ मिलकर कश्मीरी पंडितों की सम्मानजनक और सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करनी होगी।