स्टेम सेल तकनीक से वैज्ञानिकों की ऐतिहासिक सफलता
दुनियाभर में लाखों पुरुष इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे हैं, जिससे कई कपल्स माता-पिता बनने के सुख से वंचित रह जाते हैं। लेकिन अब विज्ञान ने इस दिशा में एक नई और क्रांतिकारी उम्मीद जगा दी है।
चीन के वैज्ञानिकों ने स्टेम सेल्स के जरिए लैब में स्पर्म तैयार करने में सफलता पाई है। यह तकनीक भविष्य में उन पुरुषों के लिए वरदान साबित हो सकती है जो नॉन-ऑब्सट्रक्टिव एजोस्पर्मिया से पीड़ित हैं।
कैसे तैयार किए गए लैब स्पर्म्स?
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चीनी साइंटिस्ट्स ने चूहों की स्टेम सेल्स का उपयोग किया।
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इन सेल्स को लैब में स्पर्म जैसे सेल्स में बदला गया।
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इन कृत्रिम स्पर्म्स को मादा चूहे के अंडाणु से फर्टिलाइज़ किया गया।
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नतीजतन स्वस्थ चूहे के बच्चे पैदा हुए, जिससे रिसर्च की सफलता साबित हुई।
स्टेम सेल्स क्या होते हैं और ये क्यों खास हैं?
स्टेम सेल्स ऐसे खास जीवित सेल्स होते हैं जो शरीर के किसी भी हिस्से की कोशिका में बदलने की क्षमता रखते हैं – जैसे मांसपेशी, ब्लड सेल या स्पर्म।
इस खोज में स्टेम सेल्स को स्पर्म सेल्स में बदलने का प्रयोग किया गया, जो अब तक सिर्फ विज्ञान-कथा जैसी चीज़ लगती थी।
इंसानों के लिए क्या है संभावनाएं?
अगर यही तकनीक इंसानों पर काम करती है, तो…
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इनफर्टाइल पुरुष भी बायोलॉजिकल पिता बन सकेंगे।
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आईवीएफ तकनीक में क्रांति आ सकती है।
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उन कपल्स के लिए नई उम्मीद बनेगी जो सालों से संतान के लिए प्रयासरत हैं।
हालांकि अभी यह प्रयोग सिर्फ चूहों तक सीमित है, इंसानों पर ट्रायल से पहले और भी सुरक्षा और असर से जुड़ी रिसर्च ज़रूरी है।
फिलहाल क्या हैं सीमाएं और आगे की राह
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इंसानों पर उपयोग से पहले रिस्क फैक्टर्स का पता लगाना ज़रूरी है।
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एथिकल और मेडिकल परमिशन जैसे कई मुद्दों पर चर्चा होनी बाकी है।
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लेकिन यह खोज भविष्य के लिए एक नई आशा की किरण ज़रूर बन चुकी है।