महासमुंद में आयोग की जनसुनवाई में 7 मामलों पर हुई सुनवाई, कई प्रकरणों में हुआ समाधान
महासमुंद । छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज महासमुंद ज़िले के जिला पंचायत सभाकक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित मामलों की जनसुनवाई आयोजित की गई। यह प्रदेश स्तरीय 319वीं और जिले की 10वीं जनसुनवाई थी।
शिक्षक का पारिवारिक विवाद सुलझा, अब फिर से साथ रहेंगे पति-पत्नी
प्रकरण 2 में एक शिक्षक, जिसकी मासिक आय ₹45,000 है, और उसकी पत्नी के बीच वेतन को लेकर विवाद हुआ था। महिला ने आयोग में आवेदन देकर सहायता मांगी थी। आयोग की मध्यस्थता से दोनों पक्षों में आपसी समझौता हो गया और अब वे अपने दो बच्चों के साथ दोबारा एक साथ रह रहे हैं। महिला द्वारा प्रकरण समाप्त करने की इच्छा व्यक्त करने पर आयोग ने इसे नस्तीबद्ध (बंद) कर दिया।
विवाह का झांसा देकर शोषण, महिला आयोग की पहल पर FIR दर्ज
प्रकरण 1 में एक महिला ने पुलिस विभाग में कार्यरत आरक्षक (नं. 932) पर विवाह का झांसा देकर शारीरिक शोषण का आरोप लगाया। आरोपी पहले से विवाहित और दो बच्चों का पिता है। पहले FIR दर्ज नहीं हो रही थी, लेकिन आयोग की दखल के बाद महासमुंद कोतवाली में मामला दर्ज किया गया। आरोपी फिलहाल जमानत पर बाहर और तीन माह के लिए निलंबित है। चूंकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है, आयोग ने इसे न्यायिक प्रक्रिया पर छोड़ते हुए नस्तीबद्ध किया।
दूसरी शादी के बाद भी रिश्तों में दरार, अगली काउंसलिंग 6 अगस्त को
प्रकरण 3 में दोनों पक्षों की यह दूसरी शादी है और वे पिछले पांच महीने से अलग रह रहे हैं। पूर्व विवाह से दोनों को संतानें हैं। अब तक तीन बार काउंसलिंग हो चुकी है और अगली काउंसलिंग 6 अगस्त 2025 को रायपुर में महिला आयोग के कार्यालय में प्रस्तावित है। आयोग ने इसे अगली सुनवाई तक लंबित रखा है।
अन्य प्रकरणों में भी आपसी समझौते से विवाद सुलझे
एक अन्य मामले में संरक्षण अधिकारी ने जानकारी दी कि दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है और वे साथ रह रहे हैं। उन्होंने प्रकरण समाप्त करने की सहमति दी, जिसे आयोग ने स्वीकार करते हुए नस्तीबद्ध कर दिया।
महिला सशक्तिकरण के लिए महिला आयोग का अभियान जारी
महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने सभी मामलों की संवेदनशीलता के साथ समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देशित किया कि महिलाओं को न्याय दिलाने में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। आयोग द्वारा ऐसे जनसुनवाइयों के ज़रिए महिलाओं को सशक्त बनाने और त्वरित न्याय प्रदान करने का प्रयास लगातार जारी है।