सुबह की शांति, ताज़ी हवा और ओस से भीगी हरी घास… अगर आप हर दिन 15 से 30 मिनट तक नंगे पांव घास पर चलते हैं, तो ये आदत न सिर्फ आपकी फिजिकल हेल्थ को सुधारती है, बल्कि मेंटल वेलनेस को भी बूस्ट करती है। आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा दोनों ही इसे सेहत के लिए बेहद लाभकारी मानते हैं।
नज़र तेज़ करने में मददगार
पैरों के तलवों में मौजूद एक्यूप्रेशर बिंदु आंखों से जुड़े होते हैं। जब आप घास पर नंगे पांव चलते हैं, तो इन बिंदुओं पर हल्का दबाव पड़ता है जिससे:
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आंखों की मांसपेशियों को आराम मिलता है
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दृष्टि में सुधार होता है
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हरे रंग को देखने से आंखों को ठंडक और सुकून मिलता है
तनाव से राहत और बेहतर नींद
नंगे पांव घास पर चलने से:
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कोर्टिसोल (Stress Hormone) का स्तर कम होता है
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मानसिक थकान और बेचैनी दूर होती है
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बेहतर और गहरी नींद आती है
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शरीर व मन दोनों को ताजगी का एहसास होता है
बेहतर रक्त संचार और मजबूत इम्यून सिस्टम
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पैरों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है
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नसों की ब्लॉकेज खुलती है, जिससे शरीर में पोषक तत्व और ऑक्सीजन अच्छे से पहुंचते हैं
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यह सामान्य दर्द, सुन्नता और अकड़न को भी कम करता है
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इम्यूनिटी बूस्ट होती है जिससे बिमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है
प्राकृतिक रूप से विटामिन D और हड्डियों की मजबूती
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सुबह की हल्की धूप से विटामिन D मिलता है
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यह हड्डियों को मजबूत, मूड को बेहतर और इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है
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पैरों की मांसपेशियां और टेंडन मजबूत होते हैं
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शरीर का संतुलन बेहतर होता है
कितनी देर करें नंगे पांव वॉक?
विशेषज्ञों की सलाह:
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रोजाना 15 से 30 मिनट तक घास पर नंगे पांव चलें
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यदि संभव हो तो सुबह 1 घंटे तक भी किया जा सकता है
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सबसे सही समय होता है जब घास पर ओस की बूंदें हों और सूरज की हल्की किरणें पड़ रही हों