आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। हम अनजाने में कुछ आदतें अपना लेते हैं, जो धीरे-धीरे हमें एंजायटी (चिंता) और डिप्रेशन (अवसाद) की ओर ले जाती हैं। यदि आप भी इन आदतों को दोहराते हैं, तो वक्त रहते सचेत हो जाना ज़रूरी है।
1. सोशल मीडिया की लत: तुलना की जाल में न फंसें
सोशल मीडिया आज जीवन का हिस्सा बन चुका है, लेकिन लगातार इसकी स्क्रॉलिंग आपके मन को थका सकती है।
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जब आप दूसरों की “परफेक्ट लाइफ” देखकर खुद की तुलना करते हैं, तो हीनभावना और आत्म-संदेह पैदा होता है।
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यह धीरे-धीरे मानसिक दबाव और डिप्रेशन का कारण बन सकता है।
सुझाव: दिन में सीमित समय तक सोशल मीडिया का उपयोग करें और रात को सोने से कम से कम 1 घंटे पहले इसे बंद कर दें।
2. अनियमित नींद: मानसिक थकावट की जड़
नींद की कमी सीधे मस्तिष्क पर असर डालती है।
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देर रात मोबाइल चलाना या ओटीटी देखना स्लीप साइकल बिगाड़ देता है।
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इससे स्ट्रेस हार्मोन (Cortisol) बढ़ता है, जो एंजायटी को जन्म देता है।
सुझाव: रोज़ाना कम से कम 7 से 9 घंटे की गहरी नींद लें और सोने का निश्चित समय तय करें।
3. शारीरिक गतिविधियों की कमी: मन को कर देती है सुस्त
फिटनेस केवल शरीर के लिए नहीं, दिमाग के लिए भी ज़रूरी है।
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व्यायाम करने से निकलने वाले एंडोर्फिन हॉर्मोन आपको खुश रखते हैं।
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इनके अभाव में व्यक्ति थका हुआ और उदास महसूस करता है।
सुझाव: प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट वॉक, योग या डांस करें।
4. अनहेल्दी डाइट: आपकी थाली ही तय करती है मूड
ज्यादा तला-भुना, मीठा और प्रोसेस्ड फूड केवल शरीर ही नहीं, मस्तिष्क को भी प्रभावित करता है।
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इससे सूजन और थकान बढ़ती है, जो मानसिक स्वास्थ्य को बिगाड़ सकती है।
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वहीं पौष्टिक आहार मूड और ऊर्जा दोनों को सुधारता है।
सुझाव: अपनी डाइट में फल, हरी सब्जियां, ओमेगा-3 फैटी एसिड और प्रोटीन को ज़रूर शामिल करें।
5. अकेलापन: जब कोई नहीं होता पास
भावनात्मक सहारा न मिलने से दिमाग में नकारात्मक विचार हावी हो जाते हैं।
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दोस्तों और परिवार से दूर रहना व्यक्ति को अंदर से खोखला कर देता है।
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लंबे समय तक अकेले रहना मानसिक समस्याओं को गंभीर बना सकता है।
सुझाव: रोज़ कुछ वक्त अपनों से बातचीत में बिताएं, या कम्युनिटी ग्रुप्स से जुड़ें।
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अंत में समाधान: छोटे कदम, बड़ा असर
नोटिफिकेशन बंद करें और मोबाइल से दूरी बनाएं
ध्यान और मेडिटेशन को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं
हेल्दी रूटीन अपनाएं और प्रोफेशनल मदद लेने में झिझकें नहीं
याद रखें, मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल फिजिकल फिटनेस जितनी ही ज़रूरी है। यदि समय रहते आदतें सुधारी जाएं, तो Anxiety और Depression से बचा जा सकता है।