धार्मिक आस्था और वैज्ञानिक ऊर्जा का अनोखा संगम
भारत में कई परंपराएं केवल रीति-रिवाज़ नहीं, बल्कि गहरी ऊर्जा और सुरक्षा से जुड़ी मान्यताएं हैं। उन्हीं में से एक है – कमर पर लाल या काला धागा बांधना। यह सिर्फ बच्चों तक सीमित नहीं है, बल्कि बड़ों के लिए भी बेहद लाभकारी उपाय माना जाता है।
बच्चों को काला धागा क्यों बांधा जाता है?
शिशुओं को जब कमर पर काला धागा बांधा जाता है, तो इसका उद्देश्य होता है उन्हें बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से बचाना। माना जाता है कि मासूम शरीर पर निगेटिव एनर्जी जल्दी असर डालती है, और यह धागा एक ऊर्जा कवच की तरह काम करता है।
बड़ों को भी क्यों बांधना चाहिए काला या लाल धागा?
अगर कोई व्यक्ति बार-बार बीमार पड़ रहा हो, लगातार तनाव, विघ्न, या आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहा हो, तो कमर पर काला या लाल धागा बांधना उसे नकारात्मक प्रभावों से मुक्त करने में मदद कर सकता है।
मूलाधार चक्र से जुड़ाव
कमर पर बांधा जाने वाला धागा सीधे मूलाधार चक्र से संबंधित होता है, जो शरीर की ऊर्जा का पहला और सबसे मजबूत केंद्र माना जाता है। यह धागा ऊर्जा प्रवाह को संतुलित रखता है और मानसिक स्थिरता प्रदान करता है।
ज्योतिषीय दृष्टि से भी लाभकारी
शनि, राहु-केतु या मंगल दोष से परेशान व्यक्ति को काला या लाल धागा बांधने की सलाह दी जाती है। यह उपाय ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम करने और जीवन में स्थायित्व लाने में मदद करता है।
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कब और कैसे करें यह उपाय?
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लाल धागा: मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करके बांधें
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काला धागा: शनिवार को शनि देव की पूजा के बाद बांधना शुभ
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बांधते समय मन में सकारात्मक ऊर्जा, आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना जरूर रखें