नारायणपुर/ मछलियों की प्रजनन और वंश वृद्धि के महत्वपूर्ण समय यानी वर्षा ऋतु में उन्हें संरक्षण देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन ने एक अहम निर्णय लिया है। 16 जून से 15 अगस्त 2025 तक पूरे राज्य में मत्स्याखेट पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। इस अवधि को ‘बंद ऋतु’ (Close Season) के रूप में घोषित किया गया है।
कहां-कहां लागू होगा प्रतिबंध?
राज्य के सभी नदी-नालों, जलाशयों और प्राकृतिक जल स्रोतों में यह नियम प्रभावी रहेगा। हालांकि, यह प्रतिबंध उन तालाबों और जल स्रोतों पर लागू नहीं होगा, जिनका किसी नदी या नाले से कोई संबंध नहीं है। इसके अलावा, जलाशयों में चल रहे केज कल्चर (फिश फार्मिंग) पर भी यह नियम लागू नहीं होगा।
उल्लंघन पर कड़ी सजा का प्रावधान
छत्तीसगढ़ मत्स्य क्षेत्र संशोधित अधिनियम के नियम-3(5) के तहत, नियमों का उल्लंघन करने पर एक वर्ष तक का कारावास, या 10,000 रुपये तक का जुर्माना, या दोनों सजाएं एक साथ भी दी जा सकती हैं। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्यों जरूरी है यह बंद ऋतु?
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वर्षा के मौसम में मछलियां अंडे देती हैं और वंश वृद्धि करती हैं।
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इस समय उन्हें पकड़ा जाना प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ सकता है।
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मछली पालकों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए भविष्य की आजीविका बचाने का प्रयास है।
प्रशासन की अपील
राज्य शासन ने मछुआरों और संबंधित लोगों से नियमों का पालन करने और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा में सहयोग देने की अपील की है। यह बंद ऋतु भविष्य की सतत मछली उत्पादन और पारिस्थितिक संतुलन के लिए बेहद जरूरी है।