रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर लाखों बेरोजगार प्रशिक्षित युवा अब सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं। 21 जून को राजधानी रायपुर में विशाल राज्य स्तरीय आंदोलन और ध्यानाकर्षण रैली का आयोजन किया जाएगा, जिसमें डीएड, बीएड, कला संकाय, व्यायाम शिक्षक, ग्रंथपाल और एमए छत्तीसगढ़ी डिग्रीधारी अभ्यर्थी शामिल होंगे।
स्कूलों में शिक्षक पद कम, बेरोजगारों में रोष
प्रेस वार्ता में प्रशिक्षित डीएड, बीएड संघ, कला संकाय शिक्षक संघ, व्यायाम शिक्षक संघ, लाइब्रेरियन संघ ने आरोप लगाया कि स्कूल शिक्षा विभाग सेटअप में युक्तियुक्तकरण के नाम पर पदों की संख्या कम कर रहा है, जिससे भर्ती की संभावनाएं खत्म हो रही हैं। प्रदेश की 45,000 से अधिक शालाओं में शिक्षकों की भारी कमी है, लेकिन सरकार नियुक्ति की बजाय पदों को ही खत्म कर रही है।
चुनाव से पहले किया वादा, अब दिख रहा यू-टर्न
बीएड-डीएड संघ अध्यक्ष दाउद खान ने कहा कि भाजपा सरकार ने चुनाव से पहले 1 लाख पदों की भर्ती और 57,000 शिक्षक पद भरने की “मोदी की गारंटी” दी थी। लेकिन अब सरकार 5,000 पदों की भर्ती की बात कहकर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। यह सरकार का स्पष्ट यू-टर्न है, जिस पर युवाओं का भरोसा टूट चुका है।
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कला संकाय, व्यायाम शिक्षक और ग्रंथपाल भी परेशान
कला शिक्षा संघ अध्यक्ष कामेश्वर यादव ने कहा कि 12 वर्षों से कोई भर्ती नहीं हुई, जिससे 50,000 से अधिक कला विषय के डिग्रीधारी बेरोजगार हो गए हैं। कई युवाओं की उम्र सीमा पार हो रही है, जिससे वे अब भविष्य में नौकरी के लिए भी अयोग्य हो जाएंगे।
वहीं, व्यायाम शिक्षक संघ के करण साहू ने कहा कि लाखों प्रशिक्षित युवा अब भी रोजगार की आस में बैठे हैं, लेकिन सरकार पद समाप्त कर रही है। यदि सरकार नहीं जागी तो आंदोलन को अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदला जाएगा।
“बीरबल की खिचड़ी बनी है यह भर्ती” – युवाओं का फूटा गुस्सा
युवाओं ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यह भर्ती नहीं, “बीरबल की खिचड़ी” बन गई है। कभी 33,000, कभी 16,000, और कभी 5,000 पदों की घोषणा करके केवल आश्वासन की राजनीति हो रही है। कई युवा शादी और पारिवारिक जिम्मेदारियों को लेकर मानसिक दबाव में हैं।