रायपुर | छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार अब भ्रष्टाचार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के मूड में है। ईओडब्लू (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) और एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) को अब ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की तर्ज पर शक्तिशाली और आधुनिक संसाधनों से लैस करने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री विष्णुदेव सिंह की अगुवाई में फाइलों पर तेज़ी से कार्रवाई हो रही है।
क्यों है ये फैसला बड़ा?
-
पिछले 25 वर्षों में ईओडब्लू/एसीबी को मिला सीमित मैनपावर
-
अब तक केवल डेपुटेशन पर अफसर, स्थायी ढांचा नहीं
-
केस ट्रांसफर होते ही जांचें रुक जाती हैं, ट्रायल में देरी होती है
-
पिछली सरकार के दौरान 5 साल में 5 छापे भी नहीं पड़े थे
क्या बदलेगा अब?
-
स्थायी मैनपावर की मंजूरी:
नोटशीट प्रक्रिया में तेजी, जल्द ही मिलेंगे दर्जनों DSP, TI और सिपाही। -
CA और Account टीम का गठन:
ईडी की तर्ज पर अकाउंट विशेषज्ञों की टीम छापों में शामिल होगी। -
नया मुख्यालय बनेगा नवा रायपुर में:
वर्तमान तेलीबांधा स्थित दफ्तर को बदला जाएगा, नई हाईटेक बिल्डिंग की तैयारी। -
पुराने घोटालों की जांच में रफ्तार:
-
शराब घोटाला
-
कोयला घोटाला
-
महादेव सट्टा ऐप
-
सीजीएमएससी और मुआवजा घोटाले
-
क्या है पॉलिटिकल एजेंडा?
“मोदी सरकार की तरह छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार भी करप्शन पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है।” — सूत्र
-
2023 की हार का एक बड़ा कारण था: भ्रष्टाचार के आरोप
-
अब 2028 विधानसभा चुनाव में “भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई” होगा प्रमुख एजेंडा
-
जनता को दिखाया जाएगा कि BJP सरकार ने न केवल वादे किए, बल्कि कार्रवाई भी की
CG TRANSFER BREAKING: पुलिस विभाग में फेरबदल, SP ने जारी की तबादला सूची…
अब तक क्या रहा प्रदर्शन?
एजेंसी | कार्यक्षमता (पिछली सरकार) | संभावित सुधार (नई रणनीति) |
---|---|---|
ईओडब्लू | केस दर्ज पर निर्भर, छापे बेहद कम | स्थायी मैनपावर, स्वतंत्रता, तेज जांच |
एसीबी | ट्रैप कार्रवाई नहीं कर पाती थी | ट्रैप, छापा, चालान – सब कुछ संभव |