पत्रकारों के विरोध के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने लिया बड़ा फैसला
रायपुर। छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों और उनसे संबद्ध अस्पतालों में मीडिया कवरेज को लेकर जारी प्रोटोकॉल (SOP) आदेश को फिलहाल स्थगित कर दिया है। पत्रकारों के विरोध और विवाद के बीच स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने पहले ही इस आदेश को रद्द करने का आश्वासन दिया था। अब शनिवार को विभाग की ओर से आधिकारिक रूप से स्थगन आदेश भी जारी कर दिया गया है।
मीडिया कवरेज को लेकर उठा था विवाद
हाल ही में स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल परिसरों में मीडिया कवरेज को लेकर एक नया प्रोटोकॉल निर्धारित किया गया था। इस SOP के तहत पत्रकारों की कवरेज गतिविधियों को सीमित करने के दिशा-निर्देश थे, जिसे मीडिया जगत ने अभिव्यक्ति की आज़ादी पर अंकुश बताया।
मंत्री का हस्तक्षेप और आश्वासन
विवाद बढ़ने के बाद स्वयं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मामले में दखल दिया और मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा के बाद आदेश वापस लेने का वादा किया। मंत्री के बयान के कुछ ही दिनों बाद शनिवार को विभाग ने विधिवत आदेश जारी कर SOP को स्थगित कर दिया।
क्या था SOP का उद्देश्य?
स्वास्थ्य विभाग का कहना था कि इस SOP का उद्देश्य था चिकित्सालयों में मरीजों की निजता और व्यवस्था बनाए रखना, लेकिन इसका प्रभाव पत्रकारों की निष्पक्ष रिपोर्टिंग पर पड़ता दिखाई दिया, जिससे बड़ा विरोध शुरू हुआ।
आगे क्या?
अब जब आदेश स्थगित हो चुका है, ऐसे में नई व्यवस्था लागू करने से पहले स्वास्थ्य विभाग और पत्रकार संगठनों के बीच चर्चा की संभावना जताई जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि सभी पक्षों की सहमति से नया ढांचा तैयार किया जाएगा।