जशपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अगुवाई में छत्तीसगढ़ सरकार ने ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को मजबूती देते हुए एक बड़ा निर्णय लिया है। जशपुर जिले की प्रसिद्ध महिला उद्यमिता-आधारित ब्रांड ‘जशप्योर’ का ट्रेडमार्क अब उद्योग विभाग को सौंपा जाएगा। यह कदम ब्रांड को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
जशप्योर: छत्तीसगढ़ की माटी से जन्मा प्राकृतिक ब्रांड
‘जशप्योर’ कोई सामान्य ब्रांड नहीं, बल्कि यह आदिवासी महिलाओं की मेहनत, परंपरा और नवाचार का संगम है। वनों से प्राप्त प्राकृतिक संसाधनों से रसायनमुक्त और पौष्टिक खाद्य उत्पाद तैयार किए जाते हैं। इससे न सिर्फ पर्यावरण का संरक्षण होता है, बल्कि स्थानीय समुदायों को रोजगार भी मिलता है।
100% प्राकृतिक और केमिकल-फ्री उत्पाद
जशप्योर के सभी उत्पाद पूरी तरह प्राकृतिक हैं, जिनमें न तो कोई प्रिज़र्वेटिव, न ही रंग या कृत्रिम फ्लेवर होता है। इनकी पैकेजिंग भी इको-फ्रेंडली होती है, जो ब्रांड को स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के प्रति जिम्मेदार बनाती है।
जशप्योर के हिट प्रोडक्ट्स: महुआ नेक्टर से लेकर रागी लड्डू तक
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महुआ नेक्टर
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महुआ कुकीज़
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रागी-महुआ लड्डू
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कोकोआ महुआ ड्रिंक
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कोदो-कुटकी आधारित पास्ता
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ढेकी कूटा चावल
ये उत्पाद अब छत्तीसगढ़ की सीमाओं से बाहर निकलकर देशभर में अपनी पहचान बना रहे हैं।
महिलाओं की ताकत से चल रहा यह ब्रांड
जशप्योर की 90% कार्यशक्ति आदिवासी महिलाएं हैं, जो उत्पादन से लेकर पैकेजिंग तक की सभी जिम्मेदारियाँ निभा रही हैं। यह पहल न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक व्यवसाय से जोड़ने का माध्यम भी बन रही है।
जशप्योर को मिली वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में बड़ी पहचान
प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में जशप्योर का स्टॉल आकर्षण का केंद्र रहा। स्वास्थ्यप्रेमी उपभोक्ताओं और एक्सपर्ट्स ने इसके केमिकल-फ्री उत्पादों की सराहना की।
रेयर प्लेनेट के साथ समझौता – एयरपोर्ट स्टोर्स तक पहुंचेगा ब्रांड
जशप्योर ने अब रिटेल कंपनी रेयर प्लेनेट के साथ समझौता कर पांच प्रमुख एयरपोर्ट्स पर अपने उत्पादों की बिक्री शुरू कर दी है। यह साझेदारी ब्रांड को ग्लोबल मार्केट से जोड़ने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
जशप्योर: लोकल टू ग्लोबल मिशन पर तेज़ी से अग्रसर
युवा वैज्ञानिक समर्थ जैन ने बताया कि जशप्योर की इस पहल से महुआ को अब शराब तक सीमित न रखकर “फॉरेस्ट गोल्ड” के रूप में स्थापित किया जा रहा है। सरकार के इस निर्णय से जशप्योर ब्रांड को नई ऊंचाई मिलेगी और आदिवासी महिलाओं के लिए नए रोजगार के रास्ते खुलेंगे।