कोरबा, छत्तीसगढ़ | जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सोमवार को एक बड़ा हादसा उस समय टल गया जब हरदी बाजार से अपने गांव भेलवाडोंगरी लौट रहा युवक लीलागर नदी की तेज धार में बाइक सहित बह गया।
गनीमत रही कि युवक की जान बच गई, लेकिन इस घटना ने लोक निर्माण विभाग (PWD) की लापरवाही की पोल खोल दी है।
तीन फीट ऊपर बह रहा था पानी, फिर भी युवक ने की पार करने की कोशिश
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घटना ग्राम नेवसा के पास लीलागर नदी की है।
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जहां पुराना पुल पूरी तरह से जलमग्न हो गया था और उसके ऊपर से करीब 3 फीट तक पानी बह रहा था।
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इसके बावजूद 20 वर्षीय शंकर सिंह गोंड ने बाइक से नदी पार करने की कोशिश की।
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बीच पुल में पहुंचते ही तेज बहाव ने बाइक को बहा लिया, हालांकि युवक किसी तरह जान बचाने में सफल रहा।
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स्थानीय लोगों की मदद से उसकी जान बचाई गई।
अधूरा पुल बना मौत का न्यौता – 1.75 करोड़ खर्च फिर भी अधूरा निर्माण
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लीलागर नदी पर करीब 1 करोड़ 75 लाख रुपये की लागत से 60 मीटर लंबा नया पुल बनाया जाना था।
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लेकिन एक साल बीतने के बाद भी निर्माण अधूरा पड़ा है।
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ठेकेदार की लापरवाही और विभाग की उदासीनता के कारण निर्माण कार्य ठप पड़ा हुआ है।
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ग्रामीणों में आक्रोश – पीडब्ल्यूडी और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग
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यह सड़क बिलासपुर-सिपत मार्ग को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है, जिससे हजारों ग्रामीण और स्कूली छात्र रोजाना आवाजाही करते हैं।
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बारिश के मौसम में यह पुल जानलेवा जोन बन गया है।
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ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग और ठेकेदार की मिलीभगत से जानबूझकर निर्माण में देरी की जा रही है।
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गांववालों ने पुल का काम जल्द पूरा करने और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है।