CG Breaking: 300 करोड़ की जैतूसाव मठ की जमीन घोटाले में नया मोड़, संभागायुक्त ने जांच समिति बनाई, क्या है पूरा मामला?…

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CG Breaking: 300 करोड़ की जैतूसाव मठ की जमीन घोटाले में नया मोड़, संभागायुक्त ने जांच समिति बनाई, क्या है पूरा मामला?…

रायपुर/ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित श्री रामचंद्र स्वामी जैतूसाव मठ की 92 एकड़ बेशकीमती जमीन को लेकर चल रहे 300 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़ा मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। इस मामले में नामांतरण और जमीन विक्रय में कूटरचना के आरोपों की गंभीरता को देखते हुए रायपुर संभागायुक्त महादेव कावरे ने एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन कर दिया है।

  • जगह: ग्राम धरमपुरा, खसरा नं. 78 (सेजबहार, रायपुर)

  • जमीन: कुल 92 एकड़ ट्रस्ट संपत्ति

  • मूल्यांकन: अनुमानित बाज़ार मूल्य ₹300 करोड़

  • विवाद: 29 एकड़ भूमि वर्ष 2000 में कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर बेची गई थी।

महंत राम आशीष दास ने बताया कि यह संपत्ति हिंदू आस्था का केंद्र है, और इस विक्रय में नामांतरण पंजी क्रमांक-143 (दिनांक 15 जुलाई 1989) को फर्जी तरीके से दर्ज किया गया।

संभागायुक्त ने बनाई विशेष जांच समिति

जांच समिति अध्यक्ष: बीआर जोशी (उपायुक्त, रायपुर संभाग)
अन्य सदस्य:

  • राममूर्ति दीवान (तहसीलदार)

  • पूजा रानी सोरी (लेखाधिकारी)

  • मुन्नालाल टांडये (अधीक्षक)

निर्देश: 15 कार्य दिवसों के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश

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कानूनी पृष्ठभूमि

  • वर्ष 1983 में पंजीयक सार्वजनिक न्यास के समक्ष फर्जी दस्तावेज पेश कर विक्रय की अनुमति ली गई थी।

  • मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने 1984 में आदेश पारित कर विक्रय पर रोक लगाई थी।

  • बाद में 1984 में एक अपंजीकृत वसीयतनामा तैयार किया गया, जिसमें 29 एकड़ की स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई।

महंत राम आशीष का आरोप है कि यह न्यायालय की अवमानना और धार्मिक ट्रस्ट की संपत्ति की लूट है।

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