रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कस्टम मिलिंग घोटाले में एक बार फिर बड़ी कार्रवाई हुई है। ACB और EOW की संयुक्त जांच में IAS अनिल टुटेजा और व्यवसायी अनवर ढेबर की 5 दिन की पुलिस रिमांड कोर्ट ने मंजूर कर दी है। यह घोटाला धान मिलिंग, PDS चावल की फर्जी बिलिंग और ट्रांसपोर्टेशन घोटाले से जुड़ा हुआ है, जिसमें करोड़ों की सरकारी राशि के गबन का मामला सामने आया है।
क्या है कस्टम मिलिंग घोटाला?
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PDS सिस्टम के तहत खरीदे गए धान को राइस मिलों को प्रोसेसिंग के लिए दिया जाता है।
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जांच में पाया गया कि इस प्रक्रिया में कस्टम मिलिंग, कमीशन, ट्रांसपोर्टेशन और बिलिंग के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया।
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फर्जी बिलिंग के जरिए सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया गया।
गिरफ्तार हुए ये दो रसूखदार नाम:
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अनिल टुटेजा – वरिष्ठ IAS अधिकारी, पहले से ही कई जांचों में रहे हैं निशाने पर।
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अनवर ढेबर – व्यवसायी और शराब घोटाले से भी जुड़े रहे, राजनीतिक पहुँच के लिए जाने जाते हैं।
ACB-EOW ने कोर्ट से रिमांड की मांग की थी, जिसे स्वीकार करते हुए दोनों को 5 दिन की हिरासत में भेजा गया है।
पूछताछ का फोकस:
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संदिग्ध फाइलों और दस्तावेजों की पड़ताल
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राइस मिलिंग से जुड़े फर्जी बिल और लेनदेन
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घोटाले में अन्य अधिकारियों और कारोबारियों की संलिप्तता
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सरकारी नियमों को दरकिनार कर मिलीभगत से लिए गए निर्णय
क्या है अगला कदम?
जांच एजेंसियां अब दोनों से पूछताछ कर उन राजनीतिक और प्रशासनिक लिंक को उजागर करने की तैयारी में हैं, जिनके सहारे यह घोटाला इतने लंबे समय तक चलता रहा। सूत्रों के अनुसार, अगली रिमांड में और नाम सामने आ सकते हैं।