भारत ने ठुकराया ‘मांसाहारी दूध’ का प्रस्ताव, ट्रंप की डील पर अटका अमेरिका, जाने आखिर क्या होता है ‘मांसाहारी दूध’?

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भारत ने ठुकराया ‘मांसाहारी दूध’ का प्रस्ताव, ट्रंप की डील पर अटका अमेरिका, जाने आखिर क्या होता है ‘मांसाहारी दूध’?

भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील लंबे समय से अधर में लटकी हुई है, लेकिन अब ये डील एक बेहद विवादित मुद्दे पर अटक गई है — ‘गाय के मांसाहारी दूध’ पर। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस दूध को भारत में बेचने की मांग कर रहे हैं, लेकिन भारत ने इसे साफ तौर पर धार्मिक भावना के खिलाफ बताते हुए खारिज कर दिया है।

आखिर क्या होता है ‘मांसाहारी दूध’?

भारत में गायों को परंपरागत रूप से शुद्ध शाकाहारी चारा, घास और खली खिलाई जाती है, क्योंकि गाय को मां का दर्जा दिया गया है और उसका दूध पूजा और धार्मिक कार्यों में भी उपयोग होता है।

लेकिन अमेरिका में गायों को सस्ता प्रोटीन देने के लिए मुर्गी, मछली, सूअर, घोड़े की चर्बी, खून आदि का पाउडर चारे में मिलाकर दिया जाता है।
ऐसे में जब गाय इस आहार के बाद दूध देती है, तो उसे मांसाहारी दूध माना जाता है — जो भारत की संस्कृति और आस्था के बिलकुल विपरीत है।

अमेरिकी डेयरी प्रोडक्ट्स से भारत को कितना नुकसान?

भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है, और इसका डेयरी सेक्टर लगभग 9 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था है। एसबीआई के एक अनुमान के मुताबिक, अगर अमेरिका से डेयरी प्रोडक्ट्स भारत में आने लगे तो देश को हर साल 1.03 लाख करोड़ रुपये तक का नुकसान हो सकता है।

भारत का जवाब: धार्मिक भावनाओं का सम्मान जरूरी

भारत ने अमेरिका से स्पष्ट कहा है कि वह डेयरी प्रोडक्ट्स के आयात को लेकर शुद्धता का प्रमाणपत्र चाहता है और इसके साथ-साथ धार्मिक आस्था का भी सम्मान किया जाना चाहिए। भारत की इस सख्ती पर अमेरिका ने आपत्ति जताते हुए इसे “अनावश्यक व्यापार बाधा” कहा और WTO (विश्व व्यापार संगठन) में शिकायत भी दर्ज करवाई है।

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ट्रंप का बयान: “भारत के बाज़ार में जल्द पहुंचेगा अमेरिका”

हाल ही में एक बयान में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका भारतीय बाज़ार तक पहुंच बनाने के लिए तेजी से काम कर रहा है। उन्होंने कहा, “पहले हमारे व्यापारियों को भारत में मौका नहीं मिलता था, लेकिन अब हम टैरिफ के जरिए एक्सेस बना रहे हैं।” ट्रंप ने यह बयान इंडोनेशिया के साथ ट्रेड एग्रीमेंट के ऐलान के बाद दिया।

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