सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा, बुजुर्ग से ठगे 4 लाख रुपये
डोंगरगढ़। राजनांदगांव जिले में सहकारिता विभाग में क्लर्क की नौकरी दिलाने के नाम पर दो शातिर ठगों ने एक बुजुर्ग से लाखों रुपये ठग लिए। पुलिस की सक्रियता से इन ठगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
कैसे बुजुर्ग बने ठगी का शिकार?
राजनांदगांव के तुलसीपुर निवासी 59 वर्षीय कमरूल हसन से 22 जून 2024 को मोहसीन खान और वसीम अहमद नाम के दो व्यक्तियों ने संपर्क किया।
- प्रलोभन: उन्होंने कमरूल को उनके बेटे को सहकारिता विभाग में क्लर्क और चपरासी की नौकरी दिलाने का वादा किया।
- बेटी को भी नौकरी का वादा: उनकी बेटी को मनरेगा में नौकरी दिलाने का भी झांसा दिया।
- राशि की मांग: इसके बदले उन्होंने “फॉर्मेलिटी” के नाम पर 4 लाख रुपये की मांग की।
कमरूल ने किसी तरह यह रकम जुटाई और आरोपियों को सौंप दी। उन्हें बदले में फर्जी नियुक्ति पत्र दिया गया।
फर्जी नियुक्ति पत्र का पर्दाफाश
जब कमरूल के बेटे ने नौकरी जॉइन करने की कोशिश की, तो उसे पता चला कि नियुक्ति पत्र फर्जी है। इस धोखाधड़ी से आहत होकर उन्होंने राजनांदगांव पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग से शिकायत की।
पुलिस ने कैसे पकड़े शातिर ठग?
- घेराबंदी और गिरफ्तारी:
14 जनवरी 2025 को पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर घेराबंदी कर छुरिया से मोहसीन खान और डोंगरगांव से वसीम अहमद को गिरफ्तार किया। - गुनाह कबूल: पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने फर्जी नियुक्ति पत्र के जरिए कई लोगों को ठगने की बात स्वीकार की।
पुलिस की सतर्कता ने बचाई और भी संभावित पीड़ितों की रकम
यह मामला उन तमाम लोगों के लिए सबक है, जो नौकरी के प्रलोभन में फंस जाते हैं। राजनांदगांव पुलिस ने सतर्कता दिखाते हुए इन ठगों को पकड़कर न्याय सुनिश्चित किया।
सावधानी ही बचाव है
सरकारी नौकरी या अन्य आकर्षक प्रस्तावों के नाम पर मिलने वाले प्रलोभन से बचें। ऐसी किसी भी पेशकश की जांच जरूर करें और संदेह होने पर तुरंत पुलिस से संपर्क करें।