छत्तीसगढ़ के मुंगेली ज़िले में आयोजित “सुशासन तिहार” और समाधान शिविर की आड़ में लगभग ₹16 लाख के गबन का मामला सामने आया है। शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने जांच समिति का गठन करते हुए संबंधित ग्राम पंचायत सचिवों और सरपंचों से बयान दर्ज किए हैं।
कांग्रेस नेता दीपक साहू की शिकायत पर शुरू हुई जांच
पथरिया जनपद के कांग्रेस पार्षद दीपक साहू ने कुछ पंचायतों में आर्थिक गड़बड़ी की शिकायत कलेक्टर जनदर्शन में की थी। इसके बाद मुंगेली कलेक्टर के निर्देश पर जिला पंचायत सीईओ ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है। इसमें शामिल हैं:
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करारोपण अधिकारी: दिनेश सिंगरौल
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मनरेगा प्रोग्रामर: नवीन जायसवाल
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सहायक सांख्यिकी अधिकारी: आशीष प्रताप सिंह
सचिवों से मांगे गए दस्तावेज और बयान
जांच समिति ने संबंधित पंचायतों के 2025-26 GPDP, कैशबुक, वाउचर, पासबुक और स्वीकृत कार्यों की फाइलें तलब की हैं। शुक्रवार को जनपद कार्यालय में सभी सचिवों से लिखित बयान दर्ज किए गए।
डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग?
सचिवों ने जांच दल को बताया कि अप्रैल माह में ‘क्लोजिंग’ के नाम पर उनका डिजिटल सिग्नेचर जमा कराया गया, जिसके बाद उनके बिना जानकारी के विभिन्न मदों में राशि स्थानांतरित की गई। कई सचिवों ने बताया कि उन्हें इस ट्रांजैक्शन की कोई जानकारी नहीं है, खासकर “सुशासन तिहार” और “समाधान शिविर” के नाम पर हुई राशि की।
ई-ग्रामस्वराज पोर्टल पर मिले साक्ष्य
शिकायतकर्ता पार्षद दीपक साहू ने अपने बयान में बताया कि उन्हें कुछ सरपंचों से राशि काटने की जानकारी मिली, जिसके बाद उन्होंने ई-ग्रामस्वराज पोर्टल पर जाकर रिकॉर्ड खंगाला। वहां राशि के स्थानांतरण के डिजिटल प्रमाण मिलने के बाद उन्होंने कलेक्टर से शिकायत की।
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राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल तेज
जांच के दौरान पूर्व सभापति सम्पत जायसवाल, जिला कांग्रेस सचिव खेमू साहू और अन्य कांग्रेस समर्थक भी उपस्थित रहे। अब सबकी नजर इस पर है कि क्या प्रशासन गबन के दोषियों पर ठोस कार्रवाई करेगा या मामला सिर्फ फाइलों में सिमटकर रह जाएगा।