फर्जी पुलिस भर्ती मामले में डॉक्टर भी शामिल, आरोपी नेत्र सहायक अधिकारी निलंबित….

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फर्जी पुलिस भर्ती मामले में डॉक्टर भी शामिल, आरोपी नेत्र सहायक अधिकारी निलंबित

कबीरधाम: पुलिस भर्ती में फर्जीवाड़ा, डॉक्टर का नाम भी आया सामने

 

कबीरधाम जिले के जिला अस्पताल में पदस्थ नेत्र सहायक अधिकारी मनीष जॉय को फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। यह मामला पुलिस भर्ती प्रक्रिया में हुए फर्जीवाड़े से जुड़ा है, जिसमें दो युवाओं ने गलत तरीके से पुलिस आरक्षक की नौकरी हासिल की थी।

फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने के आरोप में निलंब

मनीष जॉय द्वारा गलत मेडिकल प्रमाण पत्र जारी करने की शिकायत मिलने के बाद एक विस्तृत जांच की गई। जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके चलते उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। निलंबन आदेश जारी करते हुए उन्हें सिविल सेवा आचरण नियम 1966 के तहत दोषी पाया गया। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएमएचओ को थाने में एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

फर्जीवाड़े का खुलासा, भर्ती में संलिप्त दोनों आरक्षक बर्खास्त

मई 2021 में राज्य सरकार द्वारा पुलिस आरक्षक भर्ती के लिए वैकेंसी जारी की थी। इस दौरान दो युवाओं ने फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर पुलिस में भर्ती हो गए थे। बाद में मेडिकल बोर्ड द्वारा जांच में यह दोनों युवा अनफिट पाए गए और भर्ती के दौरान लगाई गई मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच से फर्जीवाड़े की पुष्टि हो गई। इन दोनों युवाओं को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है।

मनीष जॉय के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश

मनीष जॉय के खिलाफ अब तक की जांच में यह पुष्टि हो गई कि उन्होंने फर्जीवाड़े में संलिप्त होकर मेडिकल प्रमाण पत्र जारी किया था। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के आदेश दिए गए हैं। इस मामले में कार्रवाई का निर्णय राज्य स्वास्थ्य विभाग ने लिया है।

गंभीर कदाचार के आरोप में निलंबन

नेत्र सहायक अधिकारी मनीष जॉय को सिविल सेवा आचरण नियम 1966 के तहत गंभीर कदाचार का दोषी मानते हुए निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उनका कार्यालय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र साजा, जिला बेमेतरा नियत किया गया है।

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