रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं को तेज़, पारदर्शी और डिजिटल बनाने के लिए ई-ऑफिस प्रणाली को पूरी तरह लागू करने की घोषणा की है। अब सभी विभागों में सरकारी कामकाज ऑनलाइन होगा, जिससे सरकारी फाइलों की ट्रैकिंग आसान और फैसले तेज़ी से लिए जा सकेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे सरकारी प्रक्रियाओं में स्वचालन (Automation) आएगा और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
छत्तीसगढ़ में ई-ऑफिस: कौन-कौन से विभाग जुड़े?
✅ मंत्रालय के सभी विभाग अब ई-ऑफिस सिस्टम से जुड़ चुके हैं।
✅ 16 विभागाध्यक्ष कार्यालय पहले ही इस प्रणाली में शामिल किए जा चुके हैं।
✅ सक्ती पहला ऐसा जिला बना जहां 100% ई-ऑफिस लागू हो चुका है।
✅ 31 मार्च 2025 तक राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में यह व्यवस्था लागू करने का लक्ष्य।
सरकार का उद्देश्य: सरकारी फैसलों को तेजी से लागू करना, फाइलों के डिजिटलीकरण से पारदर्शिता बढ़ाना और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुचारू बनाना।
ई-ऑफिस लागू होने से क्या होंगे फायदे?
✔️ फाइलों की डिजिटल ट्रैकिंग होगी, जिससे किसी भी दस्तावेज़ की स्थिति का तुरंत पता लगाया जा सकेगा।
✔️ निर्णय लेने की गति तेज़ होगी, जिससे जनता को सरकारी सेवाएं जल्दी मिलेंगी।
✔️ सरकारी कार्यालयों में कागजी कार्यवाही में कमी आएगी, जिससे लागत में भी बचत होगी।
✔️ ई-ऑफिस से सभी फाइलें ऑनलाइन होंगी, जिससे अनावश्यक देरी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
✔️ कर्मचारियों और अधिकारियों को डिजिटल वर्किंग के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
ई-ऑफिस के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे ई-ऑफिस प्रणाली को शीघ्र लागू करें और डिजिटल गवर्नेंस को प्राथमिकता दें।
मुख्य सचिव को आदेश दिया गया है कि सभी फाइलों की डिजिटल स्वीकृति सुनिश्चित की जाए, ताकि सरकारी निर्णयों को त्वरित रूप से लागू किया जा सके।
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डिजिटल इंडिया के तहत छत्तीसगढ़ का योगदान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “डिजिटल इंडिया” मिशन के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ई-गवर्नेंस को राज्य में प्रभावी रूप से लागू कर रही है।
इस पहल से छत्तीसगढ़ जल्द ही डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में अग्रणी राज्यों में शामिल होगा।