🔴 छत्तीसगढ़ पीएससी: युवाओं के भविष्य से खिलवाड़?
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) का गठन 2003 में हुआ, लेकिन इसके बाद से भर्ती प्रक्रियाओं में धांधली और घोटाले सामने आते रहे हैं। पहली ही परीक्षा में व्यापक भ्रष्टाचार के आरोप लगे, और यह सिलसिला आज भी जारी है।
🔸 2003 की पीएससी भर्ती घोटाला: कैसे हुआ खुलासा?
2003 में पहली बार पीएससी की परीक्षा आयोजित हुई, लेकिन चयन प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आईं। उस समय सूचना का अधिकार (RTI) लागू नहीं था, जिससे दो साल तक मामला दबा रहा। 2005 में RTI लागू होने के बाद पीएससी में हो रहे फर्जीवाड़े की पोल खुल गई।
- छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी पाई और नए सिरे से मेरिट लिस्ट बनाने के निर्देश दिए।
- कई अफसरों की नौकरी जाने की संभावना थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने से कार्रवाई नहीं हो सकी।
- EOW (आर्थिक अपराध शाखा) ने जांच के दौरान पीएससी के चेयरमैन और मेंबर्स को दोषी पाया और उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई।
🔸 2005 भर्ती: हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद बनी बहाल सूची
2005 की परीक्षा में भ्रष्टाचार की गूंज हाई कोर्ट तक पहुंची।
- हाई कोर्ट ने पूरी चयन सूची को रद्द कर दिया।
- सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए चयन सूची को फिर से बहाल कर दिया।
- इस मामले में CGPSC के तत्कालीन चेयरमैन अशोक दरबारी समेत कई अधिकारियों पर केस दर्ज किया गया।
🔸 2020: उत्तर पुस्तिकाओं में हेरफेर
2020 की परीक्षा में उत्तर पुस्तिकाओं में गड़बड़ी सामने आई।
- चार प्रश्नों के गलत उत्तर को सही बताया गया।
- परीक्षार्थियों और विशेषज्ञों ने इसका विरोध किया।
- सवाल छत्तीसगढ़ के मानसून, संपत्ति के अधिकार, कांगेर घाटी और प्रति व्यक्ति आय से जुड़े थे।
छत्तीसगढ़ पीएससी: विवादों की लंबी सूची
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से PSC परीक्षाएं बार-बार विवादों में घिरी रही हैं।
- 2003: चयन सूची में हेरफेर, स्केलिंग में गड़बड़ी
- 2005: साक्षात्कार में लेन-देन की ऑडियो रिकॉर्डिंग लीक
- 2008: परीक्षा पैटर्न बदलने पर विवाद
- 2013: प्रारंभिक परीक्षा के मॉडल उत्तर पर आपत्ति
- 2016: असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में 100 में से 47 सवाल गलत, परीक्षा रद्द
- 2017: प्रारंभिक परीक्षा में गलत प्रश्न पूछे गए
- 2018: इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा में विकल्पों में गड़बड़ी
- 2019: संशोधित उत्तर भर्ती प्रक्रिया खत्म होने के बाद जारी किए गए
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निष्कर्ष: क्या युवाओं के भविष्य के साथ हो रहा अन्याय?
छत्तीसगढ़ पीएससी की परीक्षाओं में अनियमितताओं के कारण हजारों योग्य उम्मीदवारों का भविष्य अधर में लटक गया है। सुप्रीम कोर्ट में मामले लंबित रहने के चलते न्याय की प्रक्रिया धीमी पड़ गई है।
अब सवाल यह उठता है कि क्या PSC की चयन प्रक्रिया में सुधार होंगे या युवा इसी तरह अपने करियर के साथ खिलवाड़ होते देखेंगे?