छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी युवक को 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही न्यायालय ने पीड़िता को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया। यह फैसला नाबालिगों के प्रति बढ़ते अपराधों पर कड़ा संदेश है।
पूरा मामला: कब और कैसे हुआ अपराध?
✔️ स्थान: अमलीपदर थाना क्षेत्र, गरियाबंद
✔️ आरोपी: सुधीर राजपूत (निवासी – मैनपुर छुहिया)
✔️ पीड़िता: नाबालिग लड़की
✔️ अपराध: लड़की को भगाकर ले जाना और दुष्कर्म करना
करीब डेढ़ साल पहले आरोपी ने नाबालिग को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया और उसकी इच्छा के विरुद्ध दुष्कर्म करता रहा।
पुलिस कार्रवाई और अदालत का फैसला
🔹 पीड़िता के भाई की शिकायत पर अमलीपदर थाना पुलिस ने IPC और POCSO एक्ट के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।
🔹 करीब एक साल की सुनवाई के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वासनीकर ने आरोपी को कड़ी सजा सुनाई।
🔹 आरोपी को कुल 20 साल कारावास और पीड़िता को 4 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया गया।
न्यायपालिका ने दिया कड़ा संदेश
✅ यह फैसला नाबालिगों के खिलाफ अपराधों पर नकेल कसने की दिशा में ऐतिहासिक माना जा रहा है।
✅ महिला एवं बाल सुरक्षा को लेकर अदालत का सख्त रुख अपराधियों के लिए सबक है।
प्रशासन की अपील
✔️ बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें।
✔️ किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
✔️ नाबालिगों के प्रति अपराधों को लेकर जागरूक रहें और कानून की मदद लें।