गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। आग से झुलसे ससुर अंशु राम सिन्हा (65) और उनकी बहू वीणा सिन्हा (35) का 48 दिनों तक अस्पताल में इलाज चला, लेकिन अंततः दोनों ने दम तोड़ दिया। उनके निधन से परिवार में मातम पसर गया और अंतिम संस्कार के दौरान पूरे गांव की आंखें नम हो गईं।
कैसे हुआ हादसा?
घटना 23 दिसंबर की सुबह की है, जब ठंड से बचने के लिए अंशु राम सिन्हा घर के आंगन में गोरसी (अलाव) जलाने में लगे थे। उन्होंने अपनी बहू वीणा से केरोसिन डालने के लिए कहा। जैसे ही वीणा ने केरोसिन डाला, अचानक ब्लास्ट हो गया, जिससे ससुर और बहू 70% झुलस गए।
48 दिनों तक मौत से संघर्ष, फिर एक साथ टूटी सांसें
घटना के बाद दोनों को गंभीर हालत में रायपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। 48 दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद पहले वीणा सिन्हा का निधन हुआ और ठीक एक घंटे बाद उनके ससुर अंशु राम सिन्हा ने भी दम तोड़ दिया।
गरियाबंद में गम का माहौल, एक साथ हुआ अंतिम संस्कार
7 फरवरी को दोनों के पार्थिव शरीर को गरियाबंद लाया गया, जहां परिवार, रिश्तेदारों और स्थानीय लोगों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। गरियाबंद मुक्तिधाम में विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया गया।
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पूरे इलाके में शोक की लहर
इस हादसे ने पूरे गांव को गमगीन कर दिया है। अंतिम यात्रा में भारी भीड़ उमड़ी और ससुर-बहू की एक साथ उठी अर्थी ने हर किसी को भावुक कर दिया।