बिलासपुर: गरीबों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। स्वास्थ्य सचिव के निर्देश पर राज्य स्तरीय टीम ने निजी अस्पतालों में छापेमारी की, जिसमें कई गड़बड़ियां उजागर हुईं। इसके बाद बिलासपुर के नोबल, महादेव, शिशु भवन और एलाइट हॉस्पिटल को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है।
करोड़ों का हेरफेर, फर्जी क्लेम का खुलासा
🔹 जांच में सामने आया कि अस्पतालों ने मरीजों के इलाज के नाम पर करोड़ों रुपए के फर्जी क्लेम किए।
🔹 गरीब महिलाओं के स्वस्थ नवजात बच्चों को कुपोषित दिखाकर सरकार से अधिक पैसा वसूला गया।
🔹 अनावश्यक मेडिकल टेस्ट और इलाज दिखाकर आयुष्मान योजना के तहत घोटाला किया गया।
28 अस्पतालों पर हुई कार्रवाई
✅ स्वास्थ्य विभाग ने 28 अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की।
✅ 15 अस्पतालों को योजना से डी-इम्पैनल (हटाया) कर दिया गया।
✅ 8 अस्पतालों को 6 से 3 महीने के लिए सस्पेंड किया गया।
✅ 5 अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
स्वास्थ्य विभाग सख्त, जांच जारी
✔️ राज्य सरकार ने आगे भी छापेमारी जारी रखने के निर्देश दिए।
✔️ अन्य अस्पतालों की जांच रिपोर्ट आने के बाद और भी कार्रवाई हो सकती है।
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घोटाले में शामिल अस्पतालों पर हो सकती है कानूनी कार्रवाई
🔸 सरकार इन अस्पतालों से धोखाधड़ी की गई रकम की वसूली करने की योजना बना रही है।
🔸 दोषी अस्पतालों का लाइसेंस भी रद्द हो सकता है।
🔸 आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़े पर एफआईआर दर्ज कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।