बिलासपुर। पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाए गए शिक्षक संतोष कुमार साव को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। शिक्षक ने अपनी सजा पर हाईकोर्ट से रोक लगने की भ्रामक जानकारी देकर विभाग को अंधेरे में रखा था। मामले का खुलासा होने के बाद संयुक्त संचालक आरपी आदित्य ने सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया।
निलंबन के बाद मिली थी 5 साल की सजा
रायगढ़ जिले के पुसौर ब्लॉक स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में पदस्थ शिक्षक संतोष कुमार साव के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था, जिसके बाद डीईओ ने उसे निलंबित कर दिया था।
फास्ट ट्रैक कोर्ट, रायगढ़ ने शिक्षक को 5 साल की सजा और 1,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। हालांकि, शिक्षक ने हाईकोर्ट में अपील कर जमानत प्राप्त कर ली थी।
हाईकोर्ट ने दोष सिद्धि बरकरार रखी
6 अगस्त 2019 को हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर हर सुनवाई में फास्ट ट्रैक कोर्ट, रायगढ़ में उपस्थित रहने का निर्देश दिया। हालांकि, सजा पर रोक लगाई गई थी, लेकिन दोष सिद्धि का फैसला बरकरार रखा गया।
शिक्षक ने विभाग से छिपाई जानकारी
शिक्षक ने दोष सिद्धि की जानकारी विभाग को नहीं दी और गुमराह करने की कोशिश की। 13 फरवरी को डीईओ, रायगढ़ को शिक्षक की सेवा समाप्ति संबंधी कार्रवाई की जानकारी दी गई। जांच में पुष्टि हुई कि शिक्षक ने न्यायालय के आदेश की सूचना विभाग को नहीं दी थी।
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छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1966 के तहत बर्खास्तगी
संयुक्त संचालक आरपी आदित्य ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1966 की कंडिका 10 के तहत शिक्षक संतोष कुमार साव को 4 अक्टूबर 2018 से प्रभावी रूप से सरकारी सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया।