रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में बहुचर्चित काजल मसंद हत्याकांड मामले में अदालत ने सख्त फैसला सुनाते हुए दो दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दी है। न्यायालय ने मुख्य आरोपी रामभरोस चौहान और गोपाल उर्फ नानू साहू को दोषी करार देते हुए आजन्म कारावास और 1000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। इस फैसले को जनता में न्यायपालिका के प्रति विश्वास को और मजबूत करने वाला बताया जा रहा है।
अपराधियों ने दुष्कर्म में असफल होने पर की निर्मम हत्या
14 जून 2022 को रायगढ़ के स्वास्तिक विहार कॉलोनी में 23 वर्षीय काजल मसंद की दर्दनाक हत्या कर दी गई थी। आरोपी रामभरोस चौहान, गोपाल साहू और मित्रभानु सोनवानी ने दुष्कर्म की नीयत से उसके घर में जबरन घुसने की कोशिश की। जब काजल ने विरोध किया, तो उन्होंने पत्थर से सिर कुचलकर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद अपराधियों ने सबूत मिटाने के लिए हत्या में प्रयुक्त पत्थर और अन्य वस्तुओं को फेंक दिया।
स्निफर डॉग और तकनीकी जांच से आरोपियों तक पहुंची पुलिस
रायगढ़ पुलिस ने इस केस की गहन जांच करते हुए अपराधियों को पकड़ने के लिए पांच विशेष टीमें गठित की।
- सीएसपी दीपक मिश्रा और एएसपी लखन पटले के नेतृत्व में जांच तेज हुई।
- स्निफर डॉग ‘रूबी’, मोबाइल सर्विलांस और CCTV फुटेज के जरिए आरोपियों तक पुलिस पहुंच सकी।
- 200 से अधिक लोगों से पूछताछ कर सुराग जुटाए गए।
कोर्ट का सख्त फैसला – दोषियों को आजीवन कारावास
कोर्ट ने पेश किए गए सबूतों और साक्ष्यों के आधार पर रामभरोस चौहान और गोपाल साहू को भारतीय दंड संहिता की धारा 450 (घर में अनधिकृत प्रवेश) और धारा 302 सहपठित धारा 34 (सामूहिक हत्या) के तहत दोषी माना और आजन्म कारावास की सजा सुनाई।
मुख्य आरोपी रामभरोस चौहान पहले से ही बलात्कार और हत्या के प्रयास जैसे कई गंभीर अपराधों में संलिप्त था। इस मामले में एक अन्य आरोपी, जो विधि से संघर्षरत किशोर था, को जमानत मिलने के बाद आत्महत्या कर ली थी।
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इस फैसले का महत्व
✔️ न्यायपालिका ने कड़ा संदेश दिया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
✔️ रायगढ़ पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया।
✔️ जनता में न्याय प्रणाली के प्रति भरोसा और मजबूत हुआ।