नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी, गिरोह का भंडाफोड़
रायपुर। सरकारी नौकरी का सपना दिखाकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। आरोपियों ने 65 से अधिक बेरोजगारों से 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की। पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड कपिल देशलहरे को गिरफ्तार कर लिया है।
कैसे दिया गया ठगी को अंजाम?
पीड़िता अंजना गहिरवार ने शिकायत दर्ज कराई कि वह 2021 में अपने रिश्तेदारों के घर आई थी, जहां उसे देवेन्द्र जोशी और उसकी पत्नी ने बड़े अधिकारियों से संपर्क होने की बात कहकर सरकारी नौकरी दिलाने का वादा किया। इसके बाद अंजना और अन्य 25 लोगों से 25-25 लाख रुपये वसूले गए, लेकिन नौकरी नहीं दी गई।
पुलिस की कार्रवाई में हुआ बड़ा खुलासा
जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि यह गिरोह फर्जी दस्तावेज तैयार कर अलग-अलग सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये ठग चुका है। पहले भी देवेन्द्र जोशी, झगीता जोशी, स्वप्निल दुबे, नफीज आलम, हलधर बेहरा और सोमेश दुबे को गिरफ्तार किया जा चुका है।
गिरफ्तार आरोपी और गिरोह की रणनीति
आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया कि वे बेरोजगार युवाओं को फंसाकर उनसे लाखों रुपये लेते थे और नौकरी दिलाने का झूठा वादा करते थे।
📌 मास्टरमाइंड कपिल देशलहरे ने बताया कि उसने कई बेरोजगारों से 30 लाख रुपये लेकर स्वप्निल दुबे को सौंपे।
📌 पुलिस ने आरोपी के मोबाइल फोन और बैंक खातों में 15 लाख रुपये फ्रीज कर दिए हैं।
📌 अब तक 25 से अधिक पीड़ितों की पहचान की जा चुकी है, और अन्य आरोपी पुलिस की रडार पर हैं।
गिरफ्तार आरोपियों की सूची
1️⃣ कपिल देशलहरे (45) – मास्टरमाइंड
2️⃣ देवेन्द्र जोशी (58) – गिरोह का प्रमुख सदस्य
3️⃣ झगीता जोशी (58) – ठगी में संलिप्त
4️⃣ स्वप्निल दुबे (44) – फर्जी दस्तावेज बनाने में शामिल
5️⃣ नफीज आलम (33) – पैसा ट्रांसफर करने में भूमिका
6️⃣ हलधर बेहरा (31) – जाली प्रमाणपत्र तैयार करने में शामिल
7️⃣ सोमेश दुबे (44) – बेरोजगारों को फंसाने का काम करता था
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पुलिस की अपील
रायपुर पुलिस ने जनता से अपील की है कि अगर किसी से नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे मांगे जाते हैं, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।