खदान में कोयला संकट: कमी के बावजूद हुई हजारों टन की नीलामी, SECL प्रबंधन ने स्वीकार की गलती, फिर….

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खदान में कोयला संकट: कमी के बावजूद हुई हजारों टन की नीलामी, SECL प्रबंधन ने स्वीकार की गलती, फिर....

अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर स्थित SECL की ओपन कास्ट अमेरा खदान में कोयले की भारी कमी देखी जा रही है। इसके बावजूद खदान प्रबंधन ने हजारों टन कोयले की नीलामी कर दी, जिससे उपभोक्ताओं को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। अब SECL प्रबंधन ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए प्रभावित उपभोक्ताओं को धनवापसी करने का निर्णय लिया है।

कोयला शॉटेज के बीच जबरन डिलीवरी का आरोप!

उपभोक्ताओं का आरोप है कि SECL प्रबंधन कोयले की कमी के बावजूद जबरन डिलीवरी ऑर्डर (DO) जारी कर रहा था

  • G6 ग्रेड के नाम पर मिक्स कोयला दिया गया, जिससे उपभोक्ताओं को भारी नुकसान हुआ।
  • आधा दर्जन से अधिक उपभोक्ता कोयले की तलाश में अमेरा खदान के चक्कर काटने पर मजबूर हुए।
  • SECL प्रबंधन ने अब अपनी गलती स्वीकार की और कोयले की उपलब्धता नहीं होने पर उपभोक्ताओं को पैसा लौटाने का आश्वासन दिया है।

SECL प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल!

  • कोयले की स्पष्ट कमी के बावजूद बड़े पैमाने पर नीलामी की गई।
  • उपभोक्ताओं को सही जानकारी दिए बिना डिलीवरी ऑर्डर जारी किए गए
  • अब SECL को वित्तीय नुकसान उठाना पड़ेगा, क्योंकि कोयला न मिलने के कारण धनवापसी करनी होगी

इस पूरे घटनाक्रम के बाद SECL ओपन कास्ट अमेरा खदान की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। उपभोक्ताओं ने पारदर्शिता की मांग की है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए कठोर नियम लागू करने की जरूरत बताई है।

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