बिलासपुर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
छत्तीसगढ़ में हुए बहुचर्चित शराब घोटाले में फंसे पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा को बिलासपुर हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। टुटेजा को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पिछले साल अप्रैल 2024 में मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध कमीशन वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले में उनकी भूमिका को लेकर लंबे समय से जांच चल रही थी, और अब जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा।
पूर्व मंत्री कवासी लखमा की न्यायिक रिमांड बढ़ी
इसी मामले में फंसे छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की न्यायिक रिमांड 4 मार्च तक बढ़ा दी गई है। हाल ही में कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई, जिसमें दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने 14 दिनों की अतिरिक्त न्यायिक रिमांड का आदेश दिया। अब 4 मार्च 2025 को फिर से उनकी पेशी होगी।
पहले भी खारिज हो चुकी है जमानत याचिका
कवासी लखमा की अग्रिम जमानत याचिका पहले ही ईओडब्ल्यू (EOW) की स्पेशल कोर्ट द्वारा खारिज की जा चुकी है। लखमा के वकील ने उन्हें निर्दोष बताते हुए कहा था कि ईडी की छापेमारी में उनके घर से कोई अवैध रकम या आपत्तिजनक दस्तावेज नहीं मिले। हालांकि, ईओडब्ल्यू ने लखमा पर हर महीने 50 लाख रुपये कमीशन लेने और कुल दो करोड़ रुपये की अवैध वसूली का आरोप लगाया है।
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21 जनवरी से जेल में बंद हैं कवासी लखमा
शराब घोटाले के चलते ED ने 21 जनवरी 2025 को कवासी लखमा को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया था। जांच में सहयोग न करने के कारण उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। ईडी के वकीलों ने कोर्ट में दलील दी कि लखमा का नाम इस घोटाले में शामिल है और जांच के लिए उनका सहयोग आवश्यक है।