🔹 अमेरिका की नई शर्त: भारत पर दबाव बढ़ा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फिर से सत्ता में आने के बाद अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ वार (शुल्क युद्ध) तेज हो गया है। अमेरिका चाहता है कि भारत कृषि उत्पादों को छोड़कर अन्य सभी वस्तुओं पर शुल्क समाप्त कर दे। दोनों देशों के अधिकारी इस मुद्दे पर बातचीत कर रहे हैं, लेकिन अमेरिका भारत को ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ से छूट देने के मूड में नहीं दिख रहा।
अमेरिका की प्रमुख मांगें
✅ सभी वस्तुओं पर शून्य शुल्क: अमेरिका चाहता है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार में केवल कृषि उत्पादों को छोड़कर बाकी सभी वस्तुओं पर टैक्स खत्म कर दिया जाए।
✅ बातचीत जारी: इस मुद्दे पर भारत और अमेरिका के बीच राजनयिक स्तर पर चर्चा चल रही है।
✅ रेसिप्रोकल टैरिफ से छूट नहीं: अमेरिका भारत को 2 अप्रैल से लागू होने वाले नए ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ से छूट देने के लिए तैयार नहीं।
ऑटो सेक्टर को राहत, लेकिन सीमित समय के लिए
अमेरिका ने कुछ शर्तों को पूरा करने वाले ऑटोमोबाइल निर्माताओं (Auto Makers) को अस्थायी रूप से एक महीने के लिए टैरिफ से छूट दी। यह छूट कनाडा और मैक्सिको पर लागू 25% शुल्क के तहत दी गई है, जो 4 मार्च से प्रभावी हो चुका है।
ट्रंप-ट्रूडो की बातचीत, लेकिन तनाव बरकरार
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बीच वार्ता हुई। ट्रंप ने कहा कि हालात में सुधार हुआ है, लेकिन यह अभी भी संतोषजनक नहीं।
भारत के लिए क्या है चुनौती?
👉 अमेरिका की मांग से भारत का व्यापार संतुलन प्रभावित हो सकता है।
👉 मैन्युफैक्चरिंग और इंडस्ट्री सेक्टर पर पड़ सकता है असर।
👉 भारत को अमेरिका से अपने हितों की रक्षा के लिए मजबूत रणनीति बनानी होगी।
टैरिफ वार का वैश्विक असर
🌍 अमेरिका पहले ही चीन, कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ लगा चुका है।
🌍 इन देशों ने भी अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क (Counter Tariff) लगाया।
🌍 भारत अप्रैल से इस टैरिफ वार के प्रभाव में आ सकता है।
भारत सरकार इस मुद्दे पर अमेरिका से लगातार बातचीत कर रही है। कॉमर्स मंत्रालय के अधिकारियों ने भी इस पर उच्चस्तरीय बैठकें की हैं। आने वाले समय में भारत और अमेरिका के व्यापारिक रिश्तों में यह टैरिफ विवाद बड़ा असर डाल सकता है।