अमेरिका ने भारत पर लगाया पारस्परिक टैरिफ
अमेरिका 2 अप्रैल से भारत पर पारस्परिक टैरिफ (Reciprocal Tariff) लागू करने जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संसद के संयुक्त सत्र में यह घोषणा की, जिससे भारतीय निर्यातकों के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई है।
क्या होता है टैरिफ?
टैरिफ एक प्रकार का कर (Tax) होता है, जिसे किसी देश में आयातित वस्तुओं पर लगाया जाता है। उदाहरण के तौर पर, अगर टेस्ला का साइबर ट्रक अमेरिका में 90 लाख रुपये में बिकता है और भारत उस पर 100% टैरिफ लगाता है, तो भारतीय बाजार में इसकी कीमत 2 करोड़ रुपये हो सकती है।
पारस्परिक टैरिफ का असर भारत पर कैसे पड़ेगा?
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भारतीय निर्यात महंगा होगा
- अमेरिका में भारतीय वस्तुओं जैसे कपड़ा, फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और गहनों की कीमतें बढ़ जाएंगी।
- इससे भारतीय उत्पाद अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे और निर्यात पर बुरा असर पड़ेगा।
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व्यापार अधिशेष में गिरावट
- भारत अभी तक अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष (Trade Surplus) में था, लेकिन टैरिफ बढ़ने से यह लाभ कम हो सकता है।
- भारतीय कंपनियों को अमेरिका में अपना व्यापार बनाए रखना मुश्किल होगा।
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आयात में वृद्धि और रुपया होगा कमजोर
- अगर भारत अमेरिकी टैरिफ से बचने के लिए अपने टैरिफ कम करता है, तो अमेरिकी उत्पाद भारतीय बाजार में सस्ते हो जाएंगे।
- इससे भारत का आयात बढ़ सकता है और डॉलर की मांग अधिक होने से रुपया कमजोर हो सकता है।
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एफडीआई में बढ़ोतरी संभव
- अगर भारत अपने टैरिफ में बदलाव नहीं करता, तो अमेरिकी कंपनियां भारत में अपना उत्पादन बढ़ा सकती हैं।
- इससे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में बढ़ोतरी हो सकती है।
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भारत को होगा 7 अरब डॉलर (61 हजार करोड़ रुपये) का नुकसान
- व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक, इस टैरिफ से भारत को हर साल 7 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है।
- खासकर ऑटोमोबाइल और कृषि उत्पादों के निर्यात पर इसका सबसे अधिक असर होगा।
भारत के किन सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा असर?
- कृषि और खाद्य उत्पाद – अमेरिका 5% टैरिफ लगाता है, जबकि भारत 39% टैरिफ लगाता है। यदि अमेरिका पारस्परिक टैरिफ लागू करता है, तो भारतीय कृषि उत्पाद महंगे हो जाएंगे।
- टेक्सटाइल और अपैरल – भारत का एक बड़ा निर्यात क्षेत्र है, जिस पर टैरिफ बढ़ने से एक्सपोर्ट घट सकता है।
- फार्मास्यूटिकल्स – भारतीय दवा कंपनियों के लिए अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो सकता है।
- ऑटोमोबाइल – अमेरिकी टैरिफ के कारण भारतीय कार और ऑटो पार्ट्स के निर्यात पर असर पड़ सकता है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स और मशीनरी – भारत से अमेरिका जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स और मशीनरी उत्पादों की लागत बढ़ सकती है।