बिलासपुर।खाद्य विभाग में सरकारी चावल घोटाले का सनसनीखेज मामला सामने आया है। अधिकारियों ने APL (Above Poverty Line) राशन कार्ड को BPL (Below Poverty Line) में बदलकर बड़े पैमाने पर सरकारी अनाज गबन किया। इस मामले में खाद्य नियंत्रक की भूमिका संदेह के घेरे में है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
बीजेपी विधायक सुशांत शुक्ला ने इस घोटाले को विधानसभा में उठाते हुए नाराजगी जताई। उन्होंने खाद्य मंत्री दयालदास बघेल के गोलमोल जवाब पर आपत्ति दर्ज कराते हुए स्वतंत्र जांच की मांग की। विधायक का कहना था कि जिम्मेदार अधिकारियों को बचाने के लिए गलत तरीके से जांच कराई जा रही है।
इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने नए अधिकारी से जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
कैसे हुआ घोटाला? उचित मूल्य की दुकानों में गड़बड़ी से हुआ खुलासा
✅ फर्जी राशन कार्ड बनाए गए – खाद्य विभाग ने BPL कार्ड में हेरफेर करके सरकारी चावल का गबन किया।
✅ नगर निगम क्षेत्र की उचित मूल्य की दुकानों में हेराफेरी – सरकारी चावल की कालाबाजारी की सूचना के बाद मामला उजागर हुआ।
✅ फूड विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत? – कुछ दुकानों में हेरफेरी के दौरान अन्य दुकानों को भी अवैध रूप से संलग्न कर दिया गया, ताकि ज्यादा मात्रा में चावल निकाला जा सके।
✅ ग्राहकों को भनक तक नहीं! – जांच में पाया गया कि जिनके नाम पर फर्जी राशन कार्ड बनाए गए थे, उन्हें इसकी जानकारी भी नहीं थी।
http://anticnews.com/index.php/raipur-vishakhapatnam-expressway-land-scam-deputy-collector-suspended-in-compensation-scam-of-rs-324-crore-when-will-action-be-taken-against-tehsildar/chhattisgarh/
जांच में खुलासे और नए निर्देश
📌 प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि बड़ी संख्या में फर्जी राशन कार्ड बनाए गए हैं।
📌 खाद्य विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता की आशंका बढ़ी।
📌 विधानसभा अध्यक्ष ने स्वतंत्र जांच के आदेश दिए।