बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के तखतपुर और विजयपुर के राजस्व निरीक्षक मुकेश साहू को भ्रष्टाचार के आरोप में सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। साहू पर अरपा भैंसाझार परियोजना के मुआवजा घोटाले में अनियमितता करने का आरोप था, जिससे शासन को ₹3.42 करोड़ का नुकसान हुआ।
मुआवजा घोटाले में हेरफेर का आरोप
🔹 साहू ने पटवारी के पद पर रहते हुए भूमि रिकॉर्ड में अवैध बदलाव किए।
🔹 इससे भू-स्वामियों को अधिक मुआवजा मिला और सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ।
🔹 शुरुआती जांच जुलाई 2021 में शुरू हुई, जिसमें गंभीर वित्तीय अनियमितताएं सामने आईं।
कोर्ट में भी नहीं मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
🔹 साहू ने बर्खास्तगी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
🔹 लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कलेक्टर इस तरह के मामलों की जांच करने के लिए सक्षम प्राधिकारी हैं।
🔹 जनवरी 2025 में जांच रिपोर्ट में आरोप प्रमाणित होने के बाद, साहू को बर्खास्त करने का आदेश जारी हुआ।
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8 साल बाद निष्कर्ष तक पहुंचा मामला
🔹 विभागीय जांच में सिद्ध हुआ कि साहू के भ्रष्टाचार से शासन को ₹3.42 करोड़ का नुकसान हुआ।
🔹 शो कॉज नोटिस का जवाब असंतोषजनक पाए जाने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था।
🔹 8 साल तक चली कानूनी प्रक्रिया के बाद अंततः उन्हें सेवा से हटा दिया गया।