ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर मिलने वाले Exchange Offers ग्राहकों को लुभाने के लिए बनाए जाते हैं। इन ऑफर्स के तहत, पुराना प्रोडक्ट देकर नए प्रोडक्ट पर डिस्काउंट का लाभ मिलता है। लेकिन क्या ये ऑफर्स सच में फायदेमंद होते हैं, या फिर इसमें कोई छिपे हुए शर्तें होती हैं? आइए, जानते हैं एक्सचेंज ऑफर की असली सच्चाई।
1. एक्सचेंज ऑफर में छिपे होते हैं कई नियम
जब भी किसी प्रोडक्ट पर Exchange Offer दिया जाता है, उसमें कई शर्तें जोड़ी जाती हैं, जिन पर ग्राहक ध्यान नहीं देते:
✅ पुराना फोन काम करना चाहिए – फोन चालू स्थिति में होना जरूरी है।
✅ स्क्रैच और डैमेज नहीं होना चाहिए – हल्का सा डेंट भी एक्सचेंज वैल्यू कम कर सकता है।
✅ सिर्फ चुनिंदा ब्रांड एक्सेप्ट किए जाते हैं – हर ब्रांड का फोन एक्सचेंज के लिए मान्य नहीं होता।
✅ सही मॉडल नंबर होना जरूरी है – कुछ प्लेटफॉर्म पुराने मॉडल्स को एक्सेप्ट नहीं करते।
अगर आपका फोन इन शर्तों को पूरा नहीं करता, तो एक्सचेंज वैल्यू काफी कम हो जाती है या फिर ऑफर ही अमान्य हो सकता है।
2. एक्सचेंज में ‘लगभग नया’ फोन ही एक्सेप्ट होता है!
भारत में लोग तब नया फोन खरीदते हैं जब पुराना फोन खराब होने लगे। लेकिन जब यही पुराना फोन एक्सचेंज के लिए दिया जाता है, तो उसकी वैल्यू बहुत कम दी जाती है।
🔴 उदाहरण:
अगर किसी फोन पर ₹12,650 तक की एक्सचेंज वैल्यू दिखाई जाती है, तो वास्तविकता में आपको सिर्फ ₹3,090 ही मिल सकते हैं क्योंकि फोन में डिस्कलरेशन और हल्के स्क्रैच होते हैं।
3. महंगे फोन खरीदने वालों को ज्यादा फायदा?
बार-बार फोन बदलने वाले या महंगे iPhone और प्रीमियम ब्रांड के यूजर्स को एक्सचेंज ऑफर का थोड़ा ज्यादा फायदा हो सकता है। लेकिन फिर भी, अगर आप ₹75,000 का iPhone एक्सचेंज कर रहे हैं, तो आपको केवल ₹12,000 – ₹15,000 की ही वैल्यू मिलेगी।
📌 यानी, यह डील भी बहुत ज्यादा फायदेमंद नहीं होती।
4. मार्केट कीमत बनाम ई-कॉमर्स एक्सचेंज वैल्यू
पुराने डिवाइस की मार्केट वैल्यू अक्सर एक्सचेंज में दी जाने वाली वैल्यू से ज्यादा होती है।
✅ यदि आपका पुराना फोन ₹10,000 में बिक सकता है, तो ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म आपको सिर्फ ₹6,000 – ₹7,000 ही देगा।
✅ लोकल मार्केट या OLX, Cashify जैसी साइट्स पर इसे बेचने पर आपको ज्यादा पैसा मिल सकता है।
5. एक्सचेंज ऑफर में मिलने वाला डिस्काउंट कितना सही?
कई बार एक्सचेंज ऑफर के तहत जो डिस्काउंट दिखाया जाता है, वह भ्रमित करने वाला होता है।
🔴 उदाहरण:
यदि किसी स्मार्टफोन की असली कीमत ₹40,000 है और एक्सचेंज के बाद इसकी कीमत ₹36,500 हो जाती है, तो आपको सिर्फ ₹3,500 की बचत होती है, जो असल में बहुत ज्यादा नहीं है।
6. प्रोडक्ट रिटर्न में आ सकती है परेशानी
अगर आपने एक्सचेंज ऑफर का फायदा उठाकर कोई नया डिवाइस खरीदा है और बाद में वह पसंद नहीं आता है, तो रिटर्न और रिफंड पॉलिसी जटिल हो सकती है।
❌ यदि पुराना डिवाइस पहले ही जमा कर दिया गया है, तो रिटर्न करना और भी मुश्किल हो जाता है।
❌ कुछ मामलों में, रिफंड कम वैल्यू पर प्रोसेस होता है, जिससे ग्राहक को नुकसान होता है।
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7. ध्यान रखें ये ज़रूरी बातें
ई-कॉमर्स पर मिलने वाले एक्सचेंज ऑफर्स कभी-कभी फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन खरीदारी से पहले कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी है:
✅ प्लेटफॉर्म की सभी शर्तों को ध्यान से पढ़ें।
✅ अपने पुराने डिवाइस की मार्केट वैल्यू पहले जांच लें।
✅ लोकल मार्केट और दूसरे प्लेटफॉर्म्स पर वैल्यू की तुलना करें।
✅ डिस्काउंट के झांसे में न आएं, वास्तविक बचत की गणना करें।